वडोदरा को ‘झुग्गी मुक्त’ बनाने के प्लान की वजह से अपना घर गंवा चुके कई मुस्लिम परिवार आजकल इतने परेशान हैं कि उनमें से कुछ लोगों को सिर छिपाने के लिए कब्रिस्तान में रहना पड़ रहा है। ये लोग उन्हीं लोगों में से हैं जिनके घर सुलेमान चॉल में थे जिसे वडोदरा को साफ और स्वच्छ बनाने के नाम पर तोड़ दिया गया।
इन लोगों से वादा किया गया था कि उन्हें बेसिक सर्विस फॉर द पूअर (BSUP) स्कीम के तहत कपुरे नाम की जगह पर सस्ते मकान दिए जाएंगे पर, यह बात भी पूरी ना हो सकी। दरअसल कपुरे में रहने वाले हिंदू लोगों ने वडोदरा नगर निगम को पत्र लिखकर मुसलमान लोगों को वहां ना बसाने की गुजारिश की थी।
इसके साथ ही दूसरी समस्या यह थी कि ये लोग सरकार की तय की गई डाउन पैमेंट (25 हजार रुपए) भी नहीं दे पाए। इन लोगों को सस्ती योजना के तहत 1.3 लाख में घर मिल रहा था जिसमें से 25 हजार रुपए घर का कब्जा लेने से पहले जमा करवाने थे।
फिलहाल हालात यह हैं कि लगभग 300 मुस्लिम परिवार दर-दर भटकने को मजबूर हैं और उनके घर का कोई ठिकाना नहीं है। इन्हीं में से लगभग 25 महिलाएं कब्रिस्तान को अपना घर बनाने पर मजबूर हैं। ये लोग यहां रह तो रहे हैं पर वहां मौजूद पेड़ों पर से कुछ भी तोड़कर नहीं खाते।