जिस वक़्त अमेरिका ने अपने लिए एक भेदभाव करने वाले राष्ट्रपति को चुना, उस वक़्त भारत में एक भारतीय कंपनी भेदभाव को दूर काम करने के लिए काम कर रही थी। इस कंपनी है ‘नेस्टअवे टेक्नोलॉजीज़’ जो रियल एस्टेट के क्षेत्र में काम करती है।
‘नेस्टअवे टेक्नोलॉजीज़’ ने भारतीय आवास बाज़ार में लिंग, जाति, धर्म आदि के नाम पर होने वाले भेदभाव को दूर करने के लिए अपने विज्ञापन में ‘घर जो भेदभाव नहीं करते’ (हाउस डेट डू नोट डिस्क्रीमिनेट) का नारा दिया है।
यह विज्ञापन उन भारतियों की भावनाओं को साझा करता है, जिन्हें सिर्फ इस वजह से घर नहीं मिला क्योंकि वे सिंगल थे, मांस खाते थे या किसी निश्चित धर्म, जाति या क्षेत्र से थे।
विश्लेषकों का कहना है कि हमारे जैसे बहु-सांस्कृतिक देश में इस तरह का भेदभाव बस्तियों को सांप्रदायिक या सामुदायिक आधार पर बाँट रहा है।
‘नेस्टअवे टेक्नोलॉजीज़’ के मार्केटिंग हेड ऋषि डोगरा का कहना है, “2017 में हमें इस प्रकार के भेदभाव को ख़तम कर देना चाहिए।”
“लोगों को देश में कहीं भी घूमने और घर लेने की आज़ादी होनी चाहिए,” उन्होंने कहा।
नेस्टअवे टेक्नोलॉजीज़ कंपनी की स्थापना के पीछे भी मुख्य वजह इस तरह का भेदभाव ही रहा है। बेंगलोर में घर ढूँढने में परेशानियाँ झेलने के बाद चार ग्रेजुएट युवा लड़कों ने इस कंपनी को स्थापित किया था।