घाटी में 12 साल बाद बीएसएफ तैनात

श्रीनगर: श्रीनगर में कल आंसू गैस खोल के कारण युवक की मौत के बाद आज भी कर्फ्यू बरकरार रहा। पूरी घाटी में सीमाएं और अलग होना आतंकवादियों की हड़ताल के कारण 45 वें दिन भी जनजीवन रुकी रही। जिले श्रीनगर और अनंतनाग शहर में कर्फ्यू बरकरार है। मध्य कश्मीर के जिला बडगाम में खां साहब टाउन में भी एहतियाती उपाय के रूप में कर्फ्यू लगाया गया है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पांपोरह टाउन में स्थिति बेहतर होने की वजह कर्फ्यू बरख़ास्त कर दिया गया। कल श्रीनगर में युवा इरफान वाणी आंसू गैस खोल की चपेट में आकर मारा गया था। अब तक हिंसा में 65 लोग मारे गए और हजारों घायल हो चुके हैं। गरमाई राजधानी श्रीनगर में लगभग बारह साल बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को तैनात किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में काउंटर विद्रोह कृत्यों के बाद 2004 में बीएसएफ को हटा लिया गया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वाणिज्यिक केंद्र लाल चौक और पक्षों और अतराफ‌ क्षेत्रों में ला एंड आर्डर की अवधारण के लिए बीएसएफ का निर्धारण किया गया है। सियोल प्रशासन ‘बीएसएफ और पुलिस के आला अधिकारियों ने शहर में बीएसएफ की तैनाती पर टिप्पणी से इनकार किया है। बीएसएफ ने 1991 से लगभग 13 साल कश्मीर में काउंटर उग्रवाद ऑपरेशंस जारी रखे और 2014 में ए सीआरपीएफ से बदल दिया गया था।

बीएसएफ को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा प्राथमिक ड्यूटी परमामोर दिया गया था| हभ मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वाणी 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के हाथों मुठभेड़ में मौत के बाद घाटी में हिंसा भड़क उठी और अब तक 65 लोगों की मौत हजारों घायल हो चुके हैं।