* किताबों कि पढाइ और न्यूज़ चैनल देखने में एम पी कड़पा लगे हुएं हैं
हैदराबाद । (सियासत न्यूज़) कड़पा से सांसद ओर-सदर वाई एस आर कांग्रेस पार्टी मिस्टर वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने आज चंचलगोड़ा जेल में बहैसीयत रीमांड क़ैदी एक दिन पुरा कर लिया। अपने पिता वाई एस राज शेखर रेड्डी की हादिसे में हुइ मौत के बाद पिछ्ले दो साल से पुर्सा यात्रा के ज़रीये लोगों से ताल्लुक बनाए रखने वाले जगन मोहन रेड्डी को सी बी आई ने पिछ्ले रोज़ अपनी हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया था।
आवक से जयादा सम्पती के मामले में सीबीआई कि जांच का सामना करने के बाद जगन को जेल भेज दिया गया। जेल भेजे जाने के बाद भी जगन की जेल में मुहिम जारी रही और एक ख़ुसूसी(वीशेष)बैरकस का इंतेज़ाम होने तक वो जेल हुक्काम, पुलिस ओफिसरों से ख़ुशगवार अंदाज़ में बातचीत करते हुए देखे गए।
जगन मोहन रेड्डी से आज जेल में उन के ख़ानदान के सदस्यों ने मुलाक़ात की और माँ ने अपने बेटे से बातचीत की। जेल पहूंचने वालों में वाई एस जगन मोहन रेड्डी की माँ विजयाम्मां के इलावा उन की बहन शर्मीला, बहनोई बिरादर अनील और पत्नी भारती मोहन रेड्डी शामिल थीं।
इस के इलावा बताया जाता हैकि विजय साई रेड्डी ने भी जगन से जेल में मुलाक़ात की। ख़ुसूसी(विशेष) बैरक में जगन ने मुताला किया और तन्हाई में अपनी मन पसंद किताबों को अपना साथी बनाया और जेल का खाना नहि खाया । रात में थकन और ज़हनी दबाव से परेशान जगन ने जेल ओफिसरों से दरख़ास्त की वो आराम करना चाहते हैं और ख़ाहिश की थी कि इन के आराम में कोई ख़लल ना पहुंचाया जाए।
सुबह रोज़मर्रा के मामूल की तरह 6.30 बजे जगन नींद से बेदार हुए, उन्हों ने जेल हुक्काम की तरफ से दिए गए नाशतादान दूध और अंडे का इस्तिमाल किया और अख़बारात का तफ़सीली मुताला किया और अपना पसंदिदा एक टी वी चैनल देखा, जहां जगन एक तरफ़ जेल में थे वहीं दूसरी तरफ़ जेल के बाहर मीडीया और जेल की तरफ तमाम रास्तों पर पुलिस के ख़ुसूसी दस्ते मौजूद थे।
मोतबर ज़राए(सुत्रो) के मुताबिक़ माँ, बीवी, बहन और बहनोई से मुलाक़ात के बाद जगन दुबारा अपने बैरक में चले गए और आराम किया। मोतबर ज़राए के मुताबिक़ चंचलगोड़ा जेल में रीमांड क़ैदी वाई एस जगन मोहन रेड्डी की ज़मानत के ताल्लुक़ से दाख़िल की गई दरख़ास्त पर सुनवाइ के लिए अदालत ने 31 मई का समय तय किया है।संभावना हैकि जगन की ज़मानत पर 31 मई को सुनवाई होगी।
बताया जाता हैकि जगन की ज़मानत की दरख़ास्त दाख़िल करने के साथ ही सी बी आई अपनी कोशिशों में जुट गई है ताकि जगन को अपनी तहवील में लेने के लिए ठोस इक़दामात किए जा सकें।