चंदरायनगुट्टा हमला मामला: गवाह भटक, अभियोजन पक्ष का दावा खारिज

हैदराबाद 06 अक्टूबर: चंदरायनगुट्टा हमला मामले की सुनवाई फिर से शुरू हुआ जिसके दौरान एक गवाह ने पुलिस को दिए गए बयान से भटक गया। मुहम्मद कादिर अली पर स्पेशल पब्लिक पुरासक्योटर उमा महेश्वर राव ने जिरह किया जिसके दौरान उसने अकबरुद्दीन ओवैसी हमला मामले से संबंधित पुलिस के समक्ष किसी भी प्रकार का बयान देने से अनजान व्यक्त किया और अभियोजन पक्ष के दावे को गलत करार दिया। जिरह के दौरान मुहम्मद कादिर अली ने बताया कि मुहम्मद पहलवान मशहूर व्यक्ति हैं और वह उन्हें जानते हैं। लोक अभियोजक की ओर से सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि चंदरायनगुट्टा विधायक पर हुए हमले की सूचना उन्हें जरिये मीडिया प्राप्त और उन्होंने विधायक पर किए गए हमले में शामिल लोगों से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना से अज्ञानता व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल 2011 को बन्डुलागुड़ा उनके मकान जो निर्माण सर्वे नंबर 302 में की गई थी, संबंधित अधिकारियों ने पुलिस की मदद से मकान का विध्वंस किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1988 में उन्होंने अली से खरीदा था और वह अली बिन सालेह नामक व्यक्ति को नहीं जानते। मुहम्मद कादिर अली ने बताया कि ध्वस्त किए गए मकान को जीएचएमसी ने नगर नंबर भी जारी किया था। गवाह की ओर से बयान से भटक के परिणाम में लोक अभियोजक ने यह दावा किया कि अदालत में झूठा बयान दे रहे हैं
और मुहम्मद पहलवान की मदद के लिए वह अदालत में इस प्रकार का बयान दे रहे हैं।

समर्थ अली ने लोक अभियोजक के दावे को गलत करार दिया और फिर एक बार इस मामले में पुलिस किसी भी तरह के बयान देने से इनकार कर दिया। इस मामले में एक और गवाह रशीद खान ने भी अदालत में अपना बयान कलमबंद करवाया जिसके नतीजे में वकील रक्षा एडवोकेट गेहूं गुरुमूर्ति ने उन पर जिरह किया।

रशीद खान ने बताया कि वह 2011 से हाफिज बाबानगर में स्थित है और 30 अप्रैल 2011 को चंदरायनगुट्टा से अपने घर से आरहे थे कि मरहबा होटल के करीब पहुंचने पर उन्हें पुलिस का फोन आया हुआ और वह स्थान वारदात पर पहुंचे। रशीद खान ने कहा कि स्थान वारदात पर उन्होंने रिवाल्वर, चश्मा, क्रिकेट बियाट और खून पाया और पुलिस को इस सिलसिले में उन्होंने पंच गवाह की हैसियत से अपना बयान कलमबंद करवाया।

पिछले सुनवाई के दौरान विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी पर पांच दिन लगातार जिरह की गई थी जिसके बाद आज मामले की सुनवाई फिर से शुरू हुआ। मुहम्मद बिन उमर याफिी उर्फ मुहम्मद पहलवान और उनके अन्य लोग परिवार सातवें अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश की बैठक में सख्त सुरक्षा के बीच पेश किया गया।