नई दिल्ली: चंदू चव्हाण किस परिस्थितियों में सीमा पार की, इसकी शुरुआती जांच के दौरान खुलासा हुआ है, कि हो सकता है चंदू के सीनियर्स के द्वारा उनके साथ किये गए बदसलूकी के बाद जान बूझकर चंदू सीमा पार की हो. वहीँ भारत का कहना है कि चंदू गलती से सीमा पार कर ली थी. जबकि इस रहस्य से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत इसपर पर्दा डालने की प्रयास कर रही है. बतादें कि चंदू को रिहा करते वक़्त पाक सेना ने खुलासा किया था कि चंदू अपने कमांडर के बुरे बर्ताव की वजह से सीमा पार आ गए थे.
जनसत्ता के हवाले से एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘ड्यूटी को लेकर चव्हाण का अपने सीनियर्स के साथ झगड़ा हो गया था और उसके बाद वह चौकी से गायब हो गया था.
वहीँ नॉर्थन कमांडर ले. जनरल डीएस हुडा के हवाले से बताया गया कि, मुझे सूचना मिली थी कि जेसीओ के साथ विवाद के बाद जवान अपनी चौकी से गायब हो गया था. उसके बाद हमें सूचना मिली कि वह सीमा पार चला गया है.
उल्लेखनीय है कि चव्हाण 37 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे. इस यूनिट के जवानों की ड्यूटी सीमावर्ती इलाकों में एलओसी के पास लगती है. एक सीनियर अधिकारी ने बताया, यह हो नहीं सकता है कि उसे यह नहीं पता हो कि बाड़ के आगे पाकिस्तानी सीमा शुरू हो जाती है.
इसके बाद चव्हाण को रिहा कराने के लिए तुरंत कोशिश शुरू हो गई थी, भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ ने होटलाइन के जरिए बातचीत की थी. भारत की चार महीने की कोशिश के बाद चव्हाण को 21 जनवरी को अमृतसर में वाघा बॉर्डर पर भारत के हवाले कर दिया गया. गौरतलब है कि चंदू को रिहा करते हुए पाकिस्तान सेना ने भी कहा था, ‘चंदू चव्हाण अपने कमांडर के बुरे बर्ताव की वजह से सीमा पार आ गए थे.