चीफ़ मिनिस्टर आंध्र प्रदेश एन चंद्रबाबू नायडू का दौरा सिंगापुर लम्हा आख़िर में मंसूख़ होगया। हक़ीक़त ये हैके चीफ़ मिनिस्टर एन चंद्रबाबू नायडू सिंगापुर के लिए रवाना होने वाले थे ताकि सिंगापुर पहुंच बानी वज़ीर-ए-आज़म सिंगापुर की आख़िरी रसूमात में शिरकत करसकें और उन्हें (बानी वज़ीर-ए-आज़म सिंगापुर) ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने के बाद 26 मार्च की शब सिंगापुर से रवाना होकर सुबह की अव्वलीन साअतों यानी 27 मार्च को हैदराबाद वापिस होने वाले थे और इस सिलसिले में हुकूमत आंध्र पदेश की तरफ से वज़ारत-ए-ख़ारजा को भी एन चंद्रबाबू नायडू के दौरा सिंगापुर से वाक़िफ़ करवाया गया लेकिन वज़ारत-ए-ख़ारजा ने इस वज़ाहत के साथ कि ख़ुद वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी बानी वज़ीर-ए-आज़म सिंगापुर की आख़िरी रसूमात में शिरकत के लिए सिंगापुर रवाना होरहे हैं लिहाज़ा उनके ( वज़ीर-ए-आज़म ) प्रोग्राम को पेशे नज़र रखते हुए चीफ़ मिनिस्टर आंध्र प्रदेश एन चंद्रबाबू नायडू को सिंगापुर दौरा की इजाज़त नहीं दी जा सकती जिस के पेशे नज़र चीफ़ मिनिस्टर मिस्टर एन चंद्रबाबू नायडू ने लम्हा आख़िर में अपने दौरा सिंगापुर को मंसूख़ कर दिया।
बताया जाता हैके ख़ुद वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी मुल्क ( हिंदुस्तान) की नुमाइंदगी करते हुए बानी वज़ीर-ए-आज़म सिंगापुर की आख़िरी रसूमात में शिरकत कररहे हैं कि किसी रियासत के चीफ़ मिनिस्टर के दौरा सिंगापुर की वज़ारत-ए-ख़ारजा ज़रूरत महसूस नहीं करती जिस के पेशे नज़र मिस्टर नायडू को इजाज़त देना मुम्किन ना होने का इज़हार किया।