चंद्रबाबू नायडू पर हमले का केस तीन माईस्टों को चार साल क़ैद की सज़ा

तिरूपति में एक अदालत ने इन तीन नेक्सलाईटस को चार साल क़ैद बामुशक़क़्त की सज़ा सुनाई जो उस वक़्त के चीफ़ मिनिस्टर एन चंद्रबाबू नायडू पर अक्टूबर 2003 में मुबय्यना हमले में शामिल थे।

उन्होंने उस वक़्त चंद्रबाबू नायडू को निशाना बनाते हुए अलीपीरी के मुक़ाम पर बम धमाका किया था। मुल्ज़िमीन राम मोहन रेड्डी नरसिम्हा रेड्डी और एम चंद्र को तिरूपति की एक अदालत ने चार साल क़ैद की सज़ा सुनाई और उन पर फी कस पाँच सौ रुपये जुर्माना भी आइद किया।

प्रॉसिक्यूटर सुधाकर बाबू ने ये बात बताई। 01 अक्टूबर 2003 को माईस्टों ने अलीपीरी में किले मोर सुरंग धमाका किया था जब
चंद्रबाबू नायडू का क़ाफ़िला तरविमला की सिम्त पेशरफ़त कर रहा था।

इस धमाके में चंद्रबाबू नायडू ज़ख़मी होगए थे। ये तीनों ज़मानत पर रहा करदिए गए थे ताहम उन्हें फ़ैसला सुनाए जाने के फ़ौरी बाद हिरासत में ले लिया गया। इन तीनों ने अदालत से इस्तिदा की थी कि उनकी सज़ा में तख़फ़ीफ़ की जाये क्युंकि ये तीनों नेक्सलाईट एसे हैं जिन्हों ने हथियार डाल दिए हैं। इस केस में जुमला 33 मुल्ज़िमीन थे जिन में 11 मुक़द्दमा की समाअत के दौरान इंतेक़ाल कर गए जबकि 15 हनूज़ मफ़रूर हैं। दो मुल्ज़िमीन को पहले इस केस में सज़ा होचुकी है और दो को बरी कर दिया गया है।