चंद्रायंगुट्टा मामला: रिलायंस अधिकारी से जिरह

हैदराबाद 03 नवंबर:चंद्रायंगुट्टा हमला मामले की सुनवाई के दौरान दो गवाहों ने अपना बयान अदालत में कलमबंद करवाया और उन्हें वकीलों रक्षा ने जिरह की। रिलायंस कंपनी के नोडल अधिकारी श्री एस मधोसुदन गुप्ता ने अपने बयान में बताया कि वह रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड में अगस्ट 2006 से नोडल अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं और वे पुलिस विभाग के विभिन्न क्षेत्रों सहित इंटेलिजेंस ब्यूरो, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन, आयकर और राज्य पुलिस से लिंक में रहते हैं और खोजी एजेंसियों से मांगी गई विशिष्ट मोबाइल फोन के विवरण सहित कॉल डाटा, टावर लोकेशन आदि विवरण प्रदान करते हैं।

मधोसुदन गुप्ता पर वकील रक्षा एडवोकेट जी गुरुमूर्ति ने जिरह किया जिसके दौरान गवाह ने बताया कि अब्दुल कादिर बलशरम के नाम पर हासिल किए गए सिम कार्ड के 30 अप्रैल 2011 के विवरण उन्होंने पुलिस के हवाले किए हैं और अरशद नामक रिलायंस ग्राहक के मोबाइल फोन विवरण भी जांच एजेंसी को प्रदान किए थे। जिरह के दौरान नोडल अधिकारी ने बताया कि वह यह नहीं कह सकते हैं कि बलशरम एक विशिष्ट रिलायंस फोन कनेक्शन के मालिक हैं और न ही वे दो मोबाइल फोन कनकशनस के बीच हुई बातचीत का विवरण बता सकते हैं।

एक और वकील रक्षा एडवोकेट राज वर्धन रेड्डी की ओर से किए गए जिरह के दौरान उक्त गवाह ने बताया कि मोबाइल फोन कनेक्शन से संबंधित सभी दस्तावेजों के विवरण की प्रामाणिकता के लिए पुलिस ने उनसे किसी भी प्रकार के हलफनामे नहीं लिया। अदालत ने एक और गवाह बाबानगर निवासी कार चालक मुहम्मद कादिर में दिए गए बयान के दौरान हसन बिन उमर याफिी की अदालत में पहचान करते हुए बताया कि वह आलीया गार्डन फंक्शन हाल के मालिक हैं और इस फंक्शन हॉल से कनेक्ट सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों शिकायत पर उन्होंने विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी से की थी। इस सिलसिले में वकील रक्षा एडवोकेट जी गुरु मूर्ति ने जिरह के दौरान यह सवाल किया कि क्या अवैध कब्जों की शिकायत संबंधित तहसीलदार या कलेक्टर से की थी।

गवाह ने बताया कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की शिकायत उन्होंने किसी भी विभाग से नहीं की और ना ही आलीया गार्डन फंक्शन हॉल और कनेक्ट भूमि सर्वेक्षण संख्याओं का उन्हें पता है। गवाह ने मजलिस पार्टी कार्यकर्ता होने और अकबरुद्दीन ओवैसी के समर्थक होने से इनकार करते हुए इस बात की गवाही दी कि वह अक्सर पुलिस के लिए पंच गवाह के रूप में विभिन्न केसेस में गवाही देते रहे हैं।

गवाह ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि अकबरुद्दीन ओवैसी और उनके पिता ने डी आर डी ईल 1.5 एकड़ भूमि हड़प ली और विधायक पिता को लैंड गराबर क़रार देने से लाइलमी का इज़हार किया। मुहम्मद कादिर ने जिरह के दौरान बताया कि वे ग़ैर तालीम-ए-याफ़ता हैं जिसके नतीजे में उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि सरकारी भूमि या ख़ानगी संपत्ति विवरण कहां से प्राप्त करना चाहिए उन्हें नहीं मालूम।