चन्नई बाहर‌ पंजाब पहुंचा फाईनल में

टीम इंडिया से बाहर चल रहे वीरेंद्र सहवाग के तूफ़ानी सेंचुरी के बदौलत किंगज़ एलेवन पंजाब ने आई पी एल के दूसरे क्वालीफ़ायर में जुमा को यहां चन्नई सुपर किंग को 24 रन से मात दे कर पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग के फाईनल में दाख़िल जहां इस का सामना कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा।

पंजाब के 227 रन के हदफ़ का तआक़ुब करते हुए चन्नई की टीम सुरेश राना की 25 गेंद में 12 चौकों और छः छक्कों की मदद से खेली गई 87 रन‌ की इनिंगस‌ के बाजवूद सात विकेट पर 202 रन ही बना सकी। रैना के इलावा कप्तान महिन्द्र सिंह धोनी (31 गेंद में नाट आउट 42) खेल पाए। साल 2008 में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पंजाब का ये आई पी एल की तारीख़ में सब से बेहतरीन कारकर्दगी है जबकि इसके साथ ही इसने चन्नई को छटी बार फाईनल में दाख़िल होने से महरूम कर दिया।

मौजूदा टूर्नामेंट में चन्नई के ख़िलाफ़ पंजाब की तीन मैचों में ये तीसरी जीत है। कटक और अब्बू ज़हबी में भी पंजाब ने जीत दर्ज की थी।
इससे पहले पंजाब ने सहवाग (122) के शानदार सेंचुरी की मदद से छः विकेट पर 226 रन बनाए। सहवाग ने 58 गेंदों की अपनी इनिंग में 12 चौके और आठ छक्के जड़ने के इलावा वोहरा (34) के साथ पहले विकेट के लिए 110 रन की साझेदारी करके टीम को मज़बूत बुनियाद दिया। टीम की तरफ़ से डेविड मिलर ने भी आख़िरी ओवर में 19 गेंदों में 38 रन बनाए।

हदफ़ का तआक़ुब करने उत्तरी चन्नई की टीम ने मचल जॉनसन के पहले ओवर की दूसरी गेंद पर ही सलामी बल्लेबाज़ फाफ डूप्लेसिस (00) का विकेट गंवा दिया जिन्होंने पंजाब के कप्तान जॉर्ज बेली को कैच दिया। रैना ने संदीप पर छक्के के साथ सिर्फ़ 16 गेंद में आई पी एल का दूसरा सब से तेज़ निस्फ़ सेंचुरी मुकम्मल की।

संदीप ने अगरचे डेविन स्मिथ (0 ) को बोल्ड करके चन्नई को दूसरा झटका दिया जब स्कोर 67 रन था। रैना ने छटे ओवर में पर अवाना को निशाना बनाते हुए पाँच चौकों और दो छक्कों समेत 33 रन बटोरे। ओवर में एक नो बाल भी थी। रैना ने इस दौरान छः ओवर में टीम का स्कोर 100 रन‌ तक पहुंचा दिया जो आई पी एल में पावर प्ले में सब से ज़्यादा रन के इलावा सब से तेज़ टीम सेंचुरी का रिकार्ड भी है।

पंजाब ने इसके बाद टीम को मुत्तहिद होने का मौक़ा मिला। बेली ने गेंद करवीर सिंह को थमादिया और रैना तेज़ रन‌ लेने की कोशिश में कवर पर खड़े बेली के थ्रो का निशाना बनाए गए। रविन्द्र जडेजा ने करवीर के ओवर में चौका और छक्का मारा लेकिन ब्रेंडन मेक्कोलम 16 गेंद में 11 रन बनाने के बाद रन आउट हो गए।

अवाना ने इस के बाद गेंदबाज़ी में वापसी करते हुए जडेजा को जॉनसन के हाथों कैच कराया। जडेजा ने 21 गेंद में 27 रन बनाए। अवाना ने इसी ओवर में डेविड हसी (01) को भी पवेलियन भेज कर चन्नई को छटा झटका दिया। चन्नई को आख़िरी छः ओवर में जीत के लिए 79 रन दरकार थे लेकिन कप्तान धोनी की मौजूदगी भी टीम को हदफ़ के क़रीब नहीं पहुंचा पाई। इससे पहले धोनी ने टॉस जीत कर पंजाब को पहले बल्लेबाज़ी की दावत दी और सहवाग और वोहरा की सलामी जोड़ी ने उनके इस फ़ैसले को ग़लत साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सहवाग ने मोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन पर छक्के भी मारे। उन्हों ने अश्विन की गेंद पर एक रन के साथ सिर्फ़ 21 गेंद में निस्फ़ सेंचुरी मुकम्मल की। धोनी ने इसके बाद पांडे को गेंदबाज़ी में वापसी कराई और उन्होंने चौथी गेंद पर ही वोहरा को सुरेश रैना के हाथों कैच कराके अपनी टीम को पहली कामयाबी दिलाई। वोहरा ने 31 गेंदों का सामना करते हुए दो छक्के और एक चौका मारा।

सहवाग ने हालाँकि अपनी अच्छे बल्लेबाज़ी जारी रखी। उन्हों ने दिल्ली की रणजी टीम के अपने साथी आशीष नहिरा पर मुसलसल दो छक्के मारे। (एजैंसी)