नई दिल्ली: बीसीसीआई सेलेक्टर्स के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाले लाेढ़ा कमेटी के सचिव गोपाल शंकरनारायणन के बयान पर सेक्रेटरी अजय शिर्के ने बयान जारी करते हुए कहा है कि जो आरोप शंकरनारायणन ने कमेटी पर लगाए हैं वह बिलकुल बेहूदा और बेबुनियाद हैं।
शिर्के ने दावा किया है कि शंकरनारायणन ने बीसीसीआई पर ‘भ्रष्टाचार’ को लेकर चुप रहने और यहाँ तक कि नौजवान क्रिकेट खिलाड़ियों की मांओं को सेलेक्टर्स के साथ सोने पर मजबूर करने के गंभीर आरोप लगाए थे तांकि उनके बेटे का टीम में सेलेक्शन हो सके। बीसीसीआई के सभी पदाधिकारियों को भेजी गई 14 पन्नों की एक रिपोर्ट में शिर्के ने बताया कि जिस बैठक में ठाकुर हिस्सा नहीं ले सके थे, वह बड़े अच्छे माहौल में हुई थी और जिस वक़्त मीटिंग खत्म हाेने वाली थी तब शंकरनारायणन ने जस्टिस लोढ़ा और उनके दो सहकर्मियों से कहा कि वे कुछ कहना चाहते हैं।
उसके बाद शंकरनारायणन ने मुझे संबोधित करते ऐसा दिखाने की कोशिश की जैसे बीसीसीआई में बड़े पॅमाने पर उदासीनता बरती जा रही है और कमेटी मूकदर्शक बनी हुई है। ऊपर से यह कहना कि बीसीसीआई ने अपने सेलेक्टर्स के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की तो ऐसा लगता है कि कमेटी सचिव ये कहना चाहते हैं कि बोर्ड और उसकी स्टेट एसोसिएशंस नैतिक रूप से गिरी हुई हैं।