चलती ट्रेन में पुलिस वाले ने की एक मौलवी से बदतमीजी।

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उत्तर प्रदेश
पीलीभीत से मुरादाबाद जा रही नैनीताल एक्सप्रेस में सफर कर रहे शराब के नशे में धुत एक कॉनस्टेबल ने पहले एक सहयात्री मौलवी को ‘आतंकवादी’ कहा और फिर मौलवी द्वारा अपना पहचान पत्र नहीं दिखाए जाने पर उनको परेशान करते हुए, उनसे अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए कहा।

रिजवान अहमद एक मदरसे में मौलवी हैं। वह स्थानीय यात्री ट्रेन से मुरादाबाद जा रहे थे। रात लगभग 9 बजे, उसी डब्बे में सफर कर रहे एक पुलिसकर्मी ने रिजवान के साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी। पुलिसकर्मी शराब के नशे में था। जब रिजवान ने विरोध किया, तो पुलिसकर्मी ने उनसे अपना पहचान पत्र दिखाने को कहा।

उस वक्त रिजवान के पास उनका पहचान पत्र नहीं था, इसीलिए वह पुलिसकर्मी को अपनी आईडी नहीं दिखा सके। इससे बौखला कर कॉन्स्टेबल ने रिजवान पर चीखना शुरू कर दिया। कॉन्स्टेबल ने कहा कि रिजवान आतंकवादी हैं और उन्हें जेल भेज दिया जाना चाहिए। बात सिर्फ इतने पर ही खत्म नहीं हुई। कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर रिजवान के साथ मारपीट की और उन्हें घसीटते हुए इज्जत नगर स्टेशन पर ट्रेन से उतार दिया।

दरगाह आला हजरत में अधिकारी पद पर नियुक्त नावेद हसन ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया, ‘एक अन्य पुलिसकर्मी भी वहां आ गया। उसने भी कॉन्स्टेबल के साथ मिलकर रिजवान के साथ बदतमीजी की।’ नावेद को यह जानकारी फोन पर मिली। वह तुरंत स्टेशन पर पहुंचे। कुछ अन्य मौलवी भी घटना की जानकारी मिलने पर रिजवान की मदद के लिए स्टेशन पर पहुंचे। बाद में, इन सभी ने मिलकर रेलवे पुलिस में घटना के खिलाफ शिकायत की और विरोध प्रदर्शन किया।
रेलवे के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस वैभव कृष्ण ने मंगलवार को हमसे बात करते हुए कहा कि उन्हें इस घटना के विषय में जानकारी है। उन्होंने बताया, ‘मैं पहले ही जांच का आदेश दे चुका हूं। अगर कॉन्स्टेबलों को दोषी पाया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’