चापाकलों में जहर कौन डाल रहा, क्या डाल रहा और क्यों डाल रहा। इस सवाल का जवाब हुकूमत भी नहीं दे पा रही है। मशरक में 16 जुलाई को मिड डे मील से 23 बच्चों की मौत के बाद अब चापाकलों में जहर डालने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह थम नहीं रहा। अब तक गोपालगंज, छपरा, सीतामढ़ी, शेखपुरा, अरवल, जहानाबाद से चापाकलों में जहर मिलाने की वाकिया सामने आ चुकी है। वजीरे आला ने पुलिस हेड क्वार्टर को तहकीकात करने को कहा है।
हुकूमत रियासत में हो रही वारदातों के पैटर्न को खोज रही है। पुलिस, फोरेंसिंक साइंस लेबोरेटरी और हुकूमत के दीगर नेज़ाम इस बात का पता नहीं लगा पा रहे कि आखिर इस सबके पीछे कोई साजिश है, किस तरह के मादा पानी में मिलाये जा रहे हैं या फिर कोरी अफवाह ने हुकूमत और लोगों की नींद हराम कर रखी है।
अरवल के डीएम ने कहा कि चापाकल में जहर डालने या कोई केमिकल मिलाने या अफवाह उड़ाने के पीछे कोई मुंजिम गिरोह काम कर रहा है।
दरभंगा के डीएम ने कहा कि जब महरी स्कूल के बच्चों ने पेट दर्द की शिकायत की, तो उन्हें डीएमसीएच में भरती कराया गया, लेकिन अब तक बच्चों में बेहोशी या उल्टी के कोई अलामत नहीं पाये गये। सीवान के डीएम ने भी कुछ ऐसी ही बात कही।
शक क़ायम कायम
पानी में क्या मिलाया जा रहा है, इस बात का भी खुलासा नहीं हो पाया है। मशरक में खाने में जहरीले मादा मिले होने की बात सामने आयी है। इसके बाद जितनी भी वारदात हुईं, उसमें कौन सा मादा या केमिकल मिलाया गया, इसकी रिपोर्ट हुकूमत को नहीं मिल पायी है।
मुंजिम गिरोह या कोई और
अब तक जितने भी मामले सामने आये हैं, उनमें से एक में भी किसी बड़े मुंजिम गिरोह के नाम सामने नहीं आये हैं। शिवहर में एक स्कूली तालिबे इल्म पकड़ा गया, तो गोपालगंज में एक खातून पकड़ी गयी। पर, अब तक पुलिस हेड क्वार्टर किसी खास नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इन वारदातों से स्कूल जानेवाले बच्चों और उनके वालेदाईन में खौफ पैदा करने की कोशिश के तौर में इसे देखा जा रहा। कहीं न कहीं इससे हुकूमत और रियासत की बदनामी से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। ओपोजीशन हुकूमत के इत्तेला नेज़ाम की नाकामी मान रहा है। जबकि, हुकूमत के हमियों को अंदेशा है कि यह सिर्फ हुकूमत को बदनाम करने की मुंजिम साजिश है।
पीएचइडी : अलर्ट जारी
महकमा ने अलर्ट तो जारी कर दिया है, पर जहरीले पानी की जांच का इंतेजाम नहीं है. आर्सेनिक, फ्लोराइड और केमिकल आयरन वाले पानी की जांच की सहूलत है।
स्कूलों के चापाकल के पानी से फिर हुए बीमार
* सारण – परसा में दो तालिबे इल्म व नगरा में एचएम बीमार
* नालंदा – खिरौना में बावर्ची और दो तालिबे इल्म बीमार
* जहानाबाद – नोनही मठ में दर्जन भर से ज़्यादा तालिबे इल्म बीमार
* सीतामढ़ी – महरी स्कूल की टीचर और दो दर्जन तालिबे इल्म बीमार
* प चंपारण – मोहदीपुर की बावर्ची की तबीयत हुई खराब
* मधुबनी – मझौरा स्कूल के चापाकल में जहरीला मादा डालते सख्स को लोगों ने पकड़ा
* पू चंपारण – भेड़िहरवा स्कूल के चापाकल के पास मिली जहर की शीशी
* मुजफ्फरपुर- धरपुर स्कूल के चापाकल से निकला लाल पानी, सील
* समस्तीपुर – पगड़ा स्कूल के चापाकल से निकली सल्फास की गोली
क्या कहते है राजनेता
“चापाकल में जहर डालने की अफवाह भी फैलायी जा रही है। अगर कहीं चापाकल में जहर मिल भी रहे हैं, तो यह रियासत हुकूमत को ब्रेक करने की साजिश है।“
वशिष्ठ नारायन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
“मुझे दो तशवीश है -पहला, मंसूबा बंदी तरीके से कोई इन वारदातों को अंजाम दे रहा है। दूसरा अफवाह भी उड़ायी जा रही है। दोनों मामलों में हुकूमत नाकामयाब है।“
अब्दुलबारी सिद्दीकी, राजद
“चापाकल के पानी में जहर मिला देना सबसे ज़्यादा नफरत का काम है। रियासत हुकूमत को चाहिए कि पुलिस की गश्ती तेज करे। किसी भी एक मुकाम पर मुजरिम पकड़ा जाये, तो उसे कड़ी सजा दी जाये।
डॉ सीपी ठाकुर, भाजपा