लंदन: क्या चाय किसी खातून को प्रेग्नेंट कर सकती है. जी हां, ब्रिटेन में कुछ ऐसा ही हो रहा है. यहां वेट लॉस के लिए बेची जा रही एक हर्बल चाय औरतों को प्रेग्नेंट कर दे रही है. चाय का नाम है बूटी जिसे मकबूल ज़ुबान में टीटोक्स कहा जाता है और यह वेट लॉस करने के लिए पी जाती है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में इस चाय का एक दूसरा ही असर जनता पर देखने को मिल रहा है.
डेली मेल के मूताबिक 24 साल की नाओमी सॉल्ट जो तकरीबन दो साल से हमल न ठहरने की दवा इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन वो इस चाय को पीने के बाद प्रेग्नेंट हो गई. एक दूसरी खातून ने ऑनलाइन भेजी गई शिकायत में कहा कि वो दो साल से हमल न ठहरने की दवा इस्तेमाल कर रही थी और महज 28 दिन तक इस चाय के इस्तेमाल से उसका प्लान फेल हो गया.
बूटी के ऑफिशियल साइट जब इस ताल्लुक में शिकायत की गई तो माजरा सामने आया. ऑनलाइन पूछे गए सवालों के तहत जवाब मिला कि बूटी के कुछ Element हमल रोकने वाली गोलियों को नाकाम कर देते हैं जिसके नतीजे हमल रोकने वाली गोलियों का इस्तेमाल करने वाली औरतें भी प्रेगनेंट हो रही हैं.
इस हर्बल चाय को पीने के बाद जिस्म में ओरल कंट्रासेप्टिव्स इस कदर डाइजेस्ट हो जाती हैं कि जिस्म पर उनका जरूरी असर होने से पहले ही वो जिस्म से बाहर निकल रही है. ये चाय जिस्म की हजम के अमल को इतना तेज कर देती है कि गर्भनिरोधक गोली अपना असर छोड़ने से पहले जिस्म से बाहर निकल जाती है.
खास बात ये है कि चाय के पैकेट पर कहीं भी इस ताल्लुक में कोई वार्निँ नहीं लिखी है और गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने वाली औरतें अनजाने में इसका इस्तेमाल कर रही हैं.
डेली मेल के मुताबिक ब्रिटेन की एक बड़ी आबादी इस वक्त मोटापे और कब्ज जैसी परेशानियों से जूझ रही है और ऐसे में बूटी इस वक्त ब्रिटेन की सबसे ज्यादा पॉपुलर हर्बल चाय में से एक है जो हाजमे को सही करने का दावा करती है.
इस चाय के पैकेट पर लिखा है कि महज 14 दिन तक चाय पीने से शख्स के हाजमे का अमल दुरुस्त होगा और मोटापा कम होगा.
लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि क्यों एक बेहद पॉपुलर चाय के पैक पर इतनी बड़ी वार्निंग लिखी नहीं गई. कई लोगों ने इस ताल्लुक में बूटी पर मुकदमा ठोकने तक की भी बात की है. लेकिन दूसरी तरफ कुछ हैल्थ कॉलमिस्ट ने बूटी को पूरी तरह जिम्मेदार मानने से इनकार किया है.
हैल्थ कॉलमिस्ट डॉक्टर एली कैनन ने कहा कि बूटी को इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. हालांकि पैकेट पर इस ताल्लुक में वार्निंग न लिखने की वजह से बूटी जिम्मेदार है लेकिन साथ ही इसके लिए डॉक्टरी काउंसलिंग की कमी भी जिम्मेदार है.
जो औरतें गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रही हैं, उनकी भी काउंसलिंग होनी चाहिए कि उनकी दवा किन किन चीजों के असर में आकर बेअसर हो सकती है.