चारमीनार के दामन में ड्रग्स का खुले आम इस्तेमाल

चारमीनार और आस पास क़ानून नाफ़िज़ करने वाली एजेंसियों ने कसीर तादाद में सी सी टी वी कैमरे नस्ब किए हैं ताकि गैर समाजी अनासिर , पाकेट मारों , नुक़्से अमन का बाइस बनने वालों पर नज़र रखी जाए।

लेकिन ऐसा लगता है कि पुलिस और सरकारी इदारे उन कैमरों का सिर्फ़ मक्का मस्जिद के मुस्लियों पर नज़र रखने के लिए इस्तेमाल करते हैं जब कि चारमीनार के दामन में जिस तरह दिगर अशिया फ़रोख़्त की जाती हैं उसी तरह ड्रग्स की फ़रोख़्त भी ज़ोरों पर है जहां तक क़ानून की ख़िलाफ़वर्ज़ी का सवाल है।

उस की दो वजूहात हो सकती हैं एक रिश्वतखोर और बद उनवान ओहदेदारों की ख़ामूशी दूसरे ड्रग्स का कारोबार करने वालों की चालाकी लेकिन चारमीनार के पास पहली वजह के नतीजा में ड्रग्स के आदी मर्द और ख़्वातीन की तादाद में बेतहाशा इज़ाफ़ा होता जा रहा है।

और अफ़सोस इस बात पर है कि लाखों रुपये मालियती सी सी टी वी ( कैमरे ) भी इस लानत में मुबतला अफ़राद को कैद करने में नाकाम हो रहे हैं। क़ारईन! हम ने चारमीनार और इस के आस पास में ऐसे कई मर्द और ख़्वातीन और लड़कियों को देखा है।

जो खुले आम गांजा और दीगर ड्रग्स और नशीली अदवियात का इस्तेमाल कर रहे थे। राक़िमुल हुरूफ़ ने इस तारीख़ी इमारत के करीब ड्रग्स की फ़रोख़्त और इस्तेमाल को बेनकाब करने की कोशिश की तो कई एक हैरत अंगेज़ इन्किशाफ़ात सामने आए।

हम ने ख़ुद देखा कि एक मुक़ाम पर मैले कुचैले लिबास में मलबूस चंद जवान लड़कियां पंक्चर जोड़ने में इस्तेमाल होने वाले ट्यूब का बतौर ड्रग्स इस्तेमाल कर रहे हैं उस ट्यूब को एक बारीक कपड़े में डाल कर उसे सूँघा जा रहा था हमारे इस्तिफ़सार पर बताया गया कि नशा में मस्त होने के लिए ये तरीका आम हो गया है।

ऐसा लगता है कि ये 25 या 30 साल उम्र के हामिल नहीं बल्कि 60 सत्तर साल के ज़ईफ़ बूढ़े हों। ड्रग्स के आदी इन मर्द और ख़्वातीन के बारे में मज़ीद मालूमात हासिल करने पर पता चला कि भीक मांग कर और दीगर कामों के ज़रीए ये ड्रग्स की खरीदी के लिए किसी ना किसी तरह पैसे हासिल कर लेते हैं और वो लोग खाने पर तवज्जा देने की बजाय हमेशा ड्रग्स की तलाश में रहते हैं।

अब यहां सवाल ये पैदा होता है कि चारमीनार जैसे तारीख़ी मुक़ाम के करीब ये लोग ड्रग्स का आज़ादाना इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन क़ानून नाफ़िज़ करने वाली एजेंसियां बिलकुल ख़ामूशी अख़्तियार किए हुए हैं। ऐसा लगता है कि वो भी फ़राइज़ से ग़फ़लत के नशे में धुत हैं।