चारमीनार ता शाहअलीबंडा मजलिस बलदिया अज़ीम तर हैदराबाद की तरफ से बड़े पैमाने पर इन्हिदामी कार्रवाई का सिलसिला जारी रहा।
कई फुटपाथों पर मौजूद छोटे कारोबारियों को बरख़ास्त करने के साथ साथ जिन ताजरीन की दुकानों के साइन बोर्ड वग़ैरा आगे निकले हुए थे उन्हें भी निकाल दिया गया।
मजलिस बलदिया अज़ीम तर हैदराबाद की तरफ से भारी पुलिस बंद-ओ-बस्त के साथ हुई कार्रवाई का मुतास्सिरीन बेबसी के आलम में मुज़ाहरा कररहे थे चूँकि उनकी मदद के लिए कोई मौजूद नहीं था।
बलदी ओहदेदारों की तरफ से की जाने वाली मनमानी पर अवाम ख़ामोश तमाशाई बने हुए थे जबकि मुतास्सिरीन कुछ भी कहने से क़ासिर थे। चारमीनार ता शाहअलीबंडा जिन जायदादों को निशाना बनाया गया है इन जायदादों के मालकीयन-ओ-किरायादारों ने इस बात की शिकायत की के बलदिया की तरफ से किसी किस्म की पेशगी इत्तेला या नोटिस नहीं दी गई और बड़े पैमाने पर शुरू की गई इस कार्रवाई में पुलिस की भारी जमईयत को ताय्युनात करते हुए अवाम को ख़ौफ़ज़दा कर दिया गया।
कई मुतास्सिरीन ने सरदार महल पहुंच कर बलदी ओहदेदारों से राबिता क़ायम करते हुए वक़्त तलब करने की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद अफ़राद ने वाज़िह कर दिया कि कोई वक़्त देने की गुंजाइश बाक़ी नहीं है।
बाज़ तिजारती इदारों में सामान मौजूद होने के बाइस मालकीयन को काफ़ी नुक़्सान उठाना पड़ा है लेकिन इन का भी कोई पुर्साने हाल नहीं है।
चारमीनार बस स्टैंड के फुटपाथ पर मौजूद छोटे ब्योपारियों के कारोबार को भी जैसी बी के ज़रीये निकाल फेंका गया। इसी तरह मुग़लपूरा कमान से मुत्तसिल मलगियात के साइन बोर्डस और बाहर निकले हुए टीन शेड्स को भी निकाल दिया गया।
पेट्रोलपंप को भी जुज़वी तौर पर मुनहदिम करने की कोशिश की गई जबकि पिस्ताहाउज़ के क़रीब चप्पलों की दुकान के अलावा दुसरे तिजारती इदारों को ज़बरदस्ती हटा दिया गया। नायाब फंक्शन हाल के रूबरू वाक़्ये इमारत के अतराफ़ मौजूद चबूतरे को पूरी तरह से मुनहदिम कर दिया गया।
चारमीनार ता शाह अली बंडा की गई कार्रवाई से मुतास्सिर होने वाले अफ़राद ने बताया कि उनके रोज़गार इन ही छोटे मोटे कारोबारों से जुड़े हुए थे। अब जबकि बलदिया ने उनके रोज़गार छीन लिए हैं तो वो बेरोज़गार होचुके हैं।
एसी सूरत में मजलिस बलदिया अज़ीम तर हैदराबाद और हुकूमत को चाहीए कि मुतास्सिरीन की फ़ौरी बाज़ आबादकारी के लिए मुतबादिल जगह की फ़राहमी का एलान करें बसूरत-ए-दुसरे शहर में बेरोज़गारों की तादाद में इज़ाफ़ा ही होता चला जाएगा चूँकि एक शख़्स के बेरोज़गार होने के असरात पूरे ख़ानदान पर होते हैं।