चारा घोटाले पर नीतीश के नाम की हो रही है सियासत

चारा घोटाला मामले में 30 सितम्बर का दिन फैसले के लिए मखसूस किया गया है। इससे मामले में सियासत गरमाती जा रही है। सियासत इस बार लालू यादव के नाम से कहीं ज्यादा नीतीश के नाम पर हो रही है। और नीतीश को चारा घोटाले में घेरने का काम भी कोई और नहीं बल्कि वो बीजेपी कर रही है जो 17 सालों तक न सिर्फ नीतीश के साथ रही बल्कि साथ मिलकर जिसने चारा घोटाले के मुद्दे पर लालू यादव को अर्श से फर्श तक ला दिया था।

दरअसल झारखंड हाइकोर्ट ने सीबीआई को हिदायत दिया है कि चारा घोटाला मामले में पैसा लेने के नीतीश कुमार और शिवानंद तिवारी पर लगे इल्ज़ामात पर हलफनामा दायर करे कि आखिर उनके खिलाफ जांच क्यों ना हो।

चारा घोटाले में 30 सितंबर का दिन काफी अहम है जब इस पर फैसला आएगा। इस फैसले से लालू के सियासी करियर की सिम्त तय होगी लेकिन इसी चारा घोटाले में 22 नवंबर के दिन का इंतजार भी कईयों को है क्योंकि इस दिन चारा घोटाले में ये तय होगा कि क्या इस मामले में नीतीश कुमार पर मुकदमा चले या नहीं। झारखंड हाइकोर्ट में सीबीआई के उस हलफनामे पर सुनवाई होगी जो वो नीतीश और शिवानंद तिवारी के मामले में दायर करेगी। हाइकोर्ट के मामले पर सीबीआई को हलफनामा दायर करने की हिदायत के साथ ही इस पर सियासत ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है।