चारा घोटाले में फैसला आज, लालू यादव के साथ बेटा समेत कई वरिष्ठ नेता साथ आये रांची

रांची : बहुप्रतीक्षित चारा घोटाले में रांची हाईकोर्ट में फैसला आज ही सुनाया जाना है। देवघर कोषागार से 84.54 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मुकदमे (आरसी 64ए/96) में 15 दिसंबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी. इसी मामले में आज हाईकोर्ट का फैसला आना है.

लालू के अलावा इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र समेत 22 लोग अभियुक्त हैं.न्यायाधीश ने सभी अभियुक्तों को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर हाज़िर रहने को कहा है.लालू के साथ उनके बेटे बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी समेत आरजेडी के कई नेता भी रांची आए हैं.

रांची में लालू की पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बीबीसी को बताया कि अभियुक्तों के ख़िलाफ़ मुख्य तौर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी, 467, 470 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण क़ानून की धाराएं भी लगाई गई हैं. इस मामले में दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉ जगन्नाथ मिश्र के अलावा पूर्व मंत्री डॉ आरके राणा, विद्यासागर निषाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और लोकलेखा समिति के पूर्व अध्यक्ष ध्रुव भगत सरीखे राजनेताओं के अलावा वरिष्ठ अधिकारी रहे बेक जुलियस, महेश प्रसाद, फूलचंद्र सिंह भी आरोपी हैं.

धारा 120 बी आपराधिक षड़यंत्र की ओर इशारा करती है. जबकि धारा 420 (बेइमानी, हेरा-फेरी छल या धोखा के रूप में किया जाने वाला अपराध) एक दंडनीय अपराध है. इसके तहत सात साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है. लालू यादव के वकील प्रभात कुमार के मुताबिक इस मुकदमे से उन लोगों को बरी होने की उम्मीदें हैं.

नवंबर 2014 में झारखंड हाइकोर्ट ने लालू प्रसाद को राहत देते हुए कहा था कि एक मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति के खिलाफ इन्ही धाराओं के तहत मिलते-जुलते अन्य मुकदमों में सुनवाई नहीं हो सकती.

इस बीच शुक्रवार की शाम रांची पहुंचने पर लालू प्रसाद ने मीडिया से संक्षिप्त बातें की. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या कोई चीफ मिनिस्टर ट्रेजरी (कोषागार) से रुपये निकाल सकता है? क्या कोई चीफ मिनिस्टर अपना खजाना लुटवाने के लिए षड्यंत्र कर सकता है? अब वो फैसला सुनने आए हैं. उन्हें तथा उनकी पूरी पार्टी को न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है.

लालू ने ये भी कहा कि सीबीआई का दुरुपयोग कर पहले अटल बिहारी वाजपेयी और फिर नरेंद्र मोदी के समय में उन्हें परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “बीजेपी-एनडीए गठबंधन की सरकार पिछले 25-30 साल से हमको परेशान कर रही है, कोल्हू के बैल की तरह पेर रही है.” उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें भी साफ देखी जा रही थी.

उन्होंने कहा, “बेजीपी वाले हमारे बाल-बच्चे तक को परेशान करने में जुटे हैं. जनता ही उनका जवाब देगी. तेजस्वी और तेजप्रताप पर पूरी पार्टी को भरोसा है. ये भले ही छोटे हैं, लेकिन इनके राजनीतिक इरादे मजबूत हैं.”