चारा स्कैंडल :लालू प्रसाद की दरख़ास्त ज़मानत पर सी बी आई को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय जनतादल के सरबराह लालू प्रसाद यादव की दरख़ास्त ज़मानत की समाअत से इत्तिफ़ाक़ कर लिया। लालू प्रसाद चारा स्कैंडल मुक़द्दमे में मुजरिम क़रार दिए जाने के बाद पाँच साल की सज़ाए क़ैद भुगत रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सी बी आई से जवाब तलब किया है।

चीफ़ जस्टिस पी सत्ता सीवम और जस्टिस रंजन गोगोई पर मुश्तमिल बेंच ने सी बी आई को हिदायत दी है कि वो जवाबी हलफ़नामा दाख़िल करें। इस के लिए उसे 2 हफ़्ते की मोहलत दी गई है और मुक़द्दमे की समाअत 13 दिसम्बर तक मुल्तवी करदी गई है। सी बी आई ने ही चारा स्कैंडल मुक़द्दमे की तहक़ीक़ात की थी।

सीनियर ऐडवोकेट राम जेठमलानी ने लालू प्रसाद की पैरवी करते हुए आर जे डी के सरबराह की जानिब से कहा कि इस मुक़द्दमे में मुजरिम क़रार दिए हुए 44 में से एक मुजरिम वो भी हैं लेकिन वो वाहिद शख़्स हैं जिन की दरख़ास्त ज़मानत तहत की अदालत और इस के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील खारिज‌ की गई है।

लालू प्रसाद जिन की पार्लियामेंट‌ की रुकनीयत इस मुक़द्दमे में मुजरिम क़रार दिए जाने के बाद मंसूख़ करदी गई है। सुप्रीम कोर्ट से रुजू होकर झारखंड हाईकोर्ट के फ़ैसले को चैलेंज कररहे हैं जिस में उनकी दरख़ास्त ज़मानत खारिज‌ करदी गई है। आर जे डी के सरबराह बिहार के दूसरे साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर जगन्नाथ मिश्रा और 43 दीगर मुल्ज़िमों को 30 सितंबर को चारा मुक़द्दमे में सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत में चाईबासा ख़ज़ाना से 37 करोड़ 70 लाख रुपये जालसाज़ी के ज़रीये हासिल कर लेने का मुजरिम क़रार दिया गया है जबकि रियासत पर आर जे डी की हुकूमत थी।

सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत ने मुख़्तलिफ़ मुजरिमों को 3 अक्टूबर को मुख़्तलिफ़ मुद्दत की क़ैद की सज़ाएं सुनाई थी। लालू प्रसाद ने कहा कि ज़मानत की दरख़ास्त के सिलसिले में उनके साथ मुक़द्दमे के दीगर मुजरिमों से मुख़्तलिफ़ सुलूक किया गया है।