रांची 8 जुलाई : कांग्रेस और राजद के तावुन से झामुमो लीडर हेमंत सोरेन की कियादत में बननेवाली हुकूमत को चार आज़ाद असेंबली मेम्बरान ने हिमायत दे दिया है। इतवार को आज़ाद असेंबली रुक्न बंधु तिर्की, चमरा लिंडा, विदेश सिंह और हरिनारायण राय ने अपना-अपना हिमायत ख़त सौंप दिया। अब तक 40 असेंबली मेम्बरान का हिमायत मिल चुका है।
हेमंत हुकूमत तशकील के लिए जरूरी अदाद व शुमार के करीब पहुंच गये हैं। उन्हें कम से कम और दो असेंबली रुक्न की हिमायत चाहिए। झामुमो अब दीगर असेंबली रुक्न गीता कोड़ा, एनोस एक्का और मासस के अरूप चटर्जी का हिमायत हासिल करने में जुट गया है। इसी दरमियान झामुमो लीडर हाजी हुसैन अंसारी, मथुरा महतो और पार्टी तर्जुमान विनोद पांडेय ने दावा किया है कि हुकूमत के लिए जरूरी अदाद व शुमार जुटा लिया गया है। एक से दो दिन में दावा पेश किया जायेगा। 10 जुलाई को हलफ़ लेने की इमकान है।
हेमंत हज़ारीबाग के मुनगा चौक वाक़ेय कांप्लेक्स के बंद कमरे में 12.30 से 5.15 बजे तक हरिनारायण और अरूप चटर्जी के साथ लंबी बातचीत की। दोनों से हुकूमत को हिमायत देने की दरख्वास्त किया। इसके बाद हरिनारायण राय हिमायत देने को तैयार हो गये। अरूप चटर्जी ने पार्टी फोरम के अंदर बातचीत करने की बात कही।
हेमंत सोरेन करीब 6.45 बजे रांची लौटे। इस दरमियान कांग्रेस असेंबली रुक्न दल के लीडर राजेंद्र सिंह ने मासस लीडर मिथिलेश से बातचीत की। मथुरा प्रसाद महतो भी गिद्दी में मिथिलेश सिंह से मुलाकात कर हिमायत मांगा।
लालू ने की बात, तब नरम पड़े बंधु
सनीचर को दिल्ली से लौटने के बाद बंधु तिर्की ने मंत्रिमंडल में शामिल होने की दावेदारी की थी। इसके लिए उन्होंने दबाव भी बनाना शुरू कर दिया था। सनीचर रात को ही बंधु तिर्की से बात करने हेमंत सोरेन उनके रिहायिसगाह पर पहुंचे। वहां चमरा लिंडा भी थे। दोनों ने हेमंत को अपनी रूह से वाकिफ कराया। काबिना में शामिल करने की तजवीज रखा। हेमंत ने इसके लिए तमाम आज़ाद असेंबली रुक्न के दरमियान इत्तेफाक की बात कही। इसी दरमियान सनीचर रात को ही राजद सरबराह लालू प्रसाद ने बंधु तिर्की को फोन किया। उन्हें हुकूमत को हिमायत देने के लिए तैयार किया। लालू प्रसाद ने कहा कि फिलहाल रियासत को सदर राज से आज़ाद करायें। उन्होंने बंधु को भरोसा दिलाया कि जल्द ही कोई ठोस हल निकाला जायेगा।
शिबू व हेमंत से मिले बंधु-चमरा
आज़ाद असेंबली रुक्न बंधु तिर्की और चमरा लिंडा इतवार सुबह शिबू सोरेन से मिलने उनके रिहायिसगाह पहुंचे। उन्होंने शिबू को अपनी मांगों से वाकिफ़ कराया। बैठक के दौरान हेमंत सोरेन भी मौजूद थे।