चार करोड़ के घोटाले में सीबीआइ के छापे

धनबाद 31 मई : सिंडिकेट बैंक धनबाद शाख से हाउसिंग लोन, ओवर ड्राफ्ट और टर्न लोन के नाम पर लियोनिस फॉर्मा प्राइवेट लिमिटेड गुजरात के प्रोपराइटर विनय कुमार सिंह और शंकरा कंस्ट्रक्शन के मालिक विनोद सिंह ने बैंक अफसरों की मिलीभगत से चार करोड़ आठ लाख का घोटाला किया है।

जुमेरात को धनबाद सीबीआइ की स्पेशल टीम ने धनबाद, मुंबई, हैदराबाद, भिलाई, पटना व बेंगलुरु में घोटाला में शामिल बैंक अफसरों समेत दीगर लोगों के ठिकानों पर छापामारी की। सीबीआइ जराए के मुताबिक घोटाला साल 06-07 में किया गया।

जांच में पता चला कि इसमें बैंक के चीफ मैनेजर एनसी पाठक और आरके शरण, सीनियर मैनेजर बीआर सिन्हा की मिलीभगत थी। कुल तेरह अफराद के मौलुस शमूलियत सामने आयी। तीनों मौजूदा अफसरों समेत सभी के खिलाफ धनबाद सीबीआइ से शिकायत की गयी।

एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। जुमेरात को दोपहर में बेकारबांध वाक़ेय विनय कुमार सिंह और विनोद सिंह के रिहायिसगाह पर सीबीआइ टीम ने छापामारी की और कई दस्तावेज जब्त किये। सीबीआइ टीम ने दोनों के रिहायिसगाह में दो घंटे से ज्यादा वक़्त तक जांच पड़ताल की। बैंक से मुताल्लिक कागजात की जांच की जा रही है।

कौन है विनय सिंह

सिंडिकेट बैंक से लोन ले कर नहीं चुकाने वाले विनय सिंह बेकारबांध में काली मंदिर के पास रहते हैं। गुजिस्ता कुछ वक़्त से ज़ेरे जमीन चल रहे हैं। उनके छोटे भाई विजय सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं।

विनय सिंह का पहले बैंक मोड़ में दवा दुकान थी। बाद में बालू, कोयला के कारोबार में उतरे। उन पर इलाहबाद बैंक से भी हाउसिंग लोन ले कर नहीं चुकाने का मामला चल रहा है। बाद में उन्होंने बेकारबांध में ही शंकरम अपार्टमेंट बनाया। इसमें उनके कई रिश्तेदार भी शामिल बताये जाते हैं।