चार दिन में एक बार रात देर गए नल खुलने से अवाम मज़ीद परेशान !

हैदराबाद२३मई(सियासत न्यूज़) मौसिम-ए-गर्मा के आग़ाज़ के साथ ही पानी की सरबराही में रफ़्ता रफ़्ता ना सिर्फ कमी होती गई बल्कि सरबराही आब के औक़ात में गैर‌ मालना तब्दीली हो गई है जिस से अवाम दोहरी परेशानी का शिकार हो गए हैं । पानी की क़िल्लत की वजहा से एक तरफ़ जहां एक दिन आड़ एक दिन के बजाय चार चार दिन बाद पानी की सरबराही अमल में आ रही है वहीं नल खुलने के औक़ात में ग़ैर मालना तब्दीली और लाइनमैन की मनमानी से अवाम को मज़ीद परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है।

ये सूरत-ए-हाल पुराने शहर के इलाक़ा वटे पल्ली में वाक़्य कनटाल की दरगाह ,सैफी कॉलोनी ,रोशन कॉलोनी ,बी का चशमा ,मुदुन ख़ान कॉलोनी ,मुस्तफ़ा नगर जैसे इलाकोंमें ज़्यादा पाई जा रही है,ख़ासकर कनटाल शाह ऒ की दरगाह के क़रीब वाक़्य सैफी कॉलोनी रोशन कॉलोनी के मकीनों ने नुमाइंदा सियासत को बताया कि पिछले एक डेढ़ महीने से पानी के लिए इस क़दर परेशानी होरही है कि वो ब्यान नहीं कर सकते ,रात को बजे नल खुलता है वो भी सिर्फ 45मिनट या एक घंटे केलिए ,सब से तकलीफ़देह पहलू ये है कि तीन चार दिन बाद खुलने वाले नल का ऐसा वक़्त मुक़र्रर है कि ,अगर कोई नींद से बेदार नहीं होसका तो वो पानी से महरूम हूजाता है और इस तरह मुसलसल तीन दिन चार दिन वो पानी केलिए तड़पता रहता है , अब उनके सामने दो ही ऑपशन होते हैं या तो वो पास पड़ोस से मांग करकह म चलाए या सकत है तो ख़रीद कर अपनी प्यास बुझाए ।

दूसरी तरफ़ महिकमा आ बरसानी इस सूरत-ए-हाल से इनकार कररहे हैं ,इन काकहना है पहले ही की तरह पानी की सरबराही अमल में आरही ही,अलबत्ता कभी कभी एक दो दिन ताख़ीर से पानी सरबराह किया जाता ही,जो दरअसल बर्क़ी कटौती का नतीजा होता है।

जहांतक औक़ात में तब्दीली का मुआमला है वो किसी हदतक सही है मगर रात बारह बजे से पहले नल खोल दिया जाता है।दूसरी तरफ़ मुक़ामी अवाम का कहना है कि पानी के इंतिज़ार में उन्हें रात तमाम जागना पड़ रहा है ,चूँकि पिछले डेढ़ माह से कभी एक बजे ,कभी दो और कभी तीन बजे रात में नल खोला जा रहा ,एक मुक़ामी कराना स्टोर के मालिक नसीर बाशा का कहना है कि कभी तो ऐसा होता है कि नल खुलने का दिन होता है और हम इसी इंतिज़ार में कि अब नल खुलेगा ,अब नल खुलेगा, रात भरजाग कर गुज़ार देते हैं मगर बदक़िस्मती उस रात नल ही नहीं खुलता ।

उन्होने कहा कि मुताल्लिक़ा लाइनमैन से इस हवाले से बात करने पर वो कोई मुनासिब जवाब नहीं देने तैय्यार नहीं ,ज़्यादा ज़ोर दिए तो वो कहते हैं कि क्या में अपने घरसे पानी स्पलाई करता हूँ किया? जाओ ऑफ़िस जा कर शिकायत करो।बाशा के मुताबिक़ इस इलाक़े में ज़्यादा तर अफ़राद यौमिया काम करने वाले प्राईवेट नौकरी करने वाले अफ़राद आबाद हैं जो सुबह काम पर गए तो फिर एक ही बार शाम को घर वापिस आते हैं,इसलिए किसी के पास इतनी फ़ुर्सत नहीं है कि वो बार बार ऑफ़िस जा कर शिकायत दर्ज करवाता रहे।

एक और मुक़ामी शख़्स सय्यद ग़ाज़ी उद्दीन ने बताया कि इस इलाक़े में पानी की कमी और क़िल्लत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस इलाक़े के कई एक अफ़राद गढ़ी के दवाखाने के पास मौजूद सरकारी नल से जाकर पानी लाने पर मजबूर है जोकि यहां से कम अज़ कम एक डेढ़ किलो मीटर दूरी पर वाक़्य ही।उनका कहना है कि नल खुलने के जो औक़ात रखे गए हैं वो सब से ज़्यादा तकलीफ़देह है क्योंकि कई बार ऐसा हुआ है कि नल खुल जाता है और नींद के ग़लबा के सबब उन्हें मालूम ही नहीं होता कि नल खोला गया है और यूं वो पानी से महरूम रह जाते हैं।

मुक़ामी अवाम ने मुताल्लिक़ा महिकमा से मुतालिबा किया है कि सब से पहले औक़ात में तब्दीली करते हुए शाम नौ बजे से पहले पानी की सरबराही अमल में लाई जाय और पहले की तरह एक दिन आड़ एक दिन पानी की सरबराही अमल में लाई जाय ताकि अवाम को मज़ीद परेशानीयों से नजात मिल सके ।