चार महीने बाद भी नजीब का नहीं मिल पाया कोई पता, औरंगाबाद में सख्त विरोध

औरंगाबाद: जेएनयू छात्र नजीब अहमद की रहस्यमय गुमशुदगी के खिलाफ जमाते इस्लामी हिन्द की छात्र संगठन एसआईओ ने औरंगाबाद में प्रदर्शन किया और नजीब मामले की हाईकोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही साथ एक निश्चित समय में जांच पूरी करने और दोषियों को अंजाम तक पहुंचाने की भी मांग की.

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प्रदेश 18 के अनुसार, नजीब अहमद गुमशुदगी मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. छात्र संगठनों के लिए नजीब अहमद मामला सांप्रदायिकता के खिलाफ एक प्रतीक बन गया है. यह समस्या तभी हल हो सकती है जब नजीब का कोई सुराग मिलता है, लेकिन सरकार और पुलिस की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है.
जेएनयू में स्कूल ऑफ बायोलॉजी के रिसर्च स्टूडेंट्स नजीब अहमद पिछले साल 15 अक्तूबर रहस्यमय ढंग से लापता है.
पिछले चार महीनों से लापता नजीब अहमद का पता लगाने के मामले में यूं तो दिल्ली पुलिस कहती है की उसने कोई कसर नहीं छोड़ रखे है, लेकिन उसके हाथ अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. नजीब की गुमशुदगी को लेकर छात्र संगठनों के विरोध का सिलसिला भी बदस्तूर जारी है.
जमाते इस्लामी हिन्द की छात्र विंग नजीब की रहस्यमय गुमशुदगी को लेकर सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मास मना रही है, जिसके तहत देश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है . ओउरंगाबाद में भी एसआईओ ने विरोध प्रदर्शन किया और नजीब मामले की न्यायिक जांच की मांग की.
एसआईओ ने शैक्षिक संस्थानों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने पर भी जोर दिया. छात्रों संगठन ने सवाल उठाया कि नजीब मारपीट मामले में एबीवीपी की भूमिका सामने आई है इसके गवाह भी मौजूद हैं, फिर भी सच सामने क्यों नहीं आ रहा है. एसआईओ का कहना है कि यह बात केवल एक नजीब की नहीं है बल्कि देश भरके शैक्षिक संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है।