चिकन की क़ीमतों में अचानक कमी के बावजूद भी दूकानदार क़ीमतों में इज़ाफ़ा करते हुए फ़रोख़त कररहे हैं। चिकन की क़ीमत एक हफ़्ते से रोज़ाना कम होती जा रही है।
2 नवंबर को 96 रुपये फ़ी किलो फ़रोख़त करने के बजाय चिकन की बाअज़ दुकानात पर इज़ाफ़ी शूदा क़ीमत पर चिकन फ़रोख़त किया जा रहा है और दूकानदार पेपर रेट से ज़्यादा क़ीमत वसूल कररहे हैं।
कई मुक़ामात पर चिकन सेंटरस के मालकीन सुगना और वीनकोब जैसे महंगे चिकन की क़ीमत पर कम क़ीमत वाले चिकन को फ़रोख़त करते हुए अवाम से ज़ाइद पैसा वसूल कररहे हैं।
आजकल हर छोटी बड़ी दावत के मौके पर चिकन का पकवान आम बात होचुकी है। चिकन शॉप्स के मालकीन हर मुक़ाम पर मौजूद होते हैं। पोल्ट्रीफार्म से ज़्यादा चिकन के होलसेल कारोबार करने वाले अफ़राद खराब चिकन फ़रोख़त करते हुए अपनी आमदनी में इज़ाफ़ा तो कररहे हैं लेकिन अवाम को नुक़्सान पहूँचा रहे हैं।
फ़ूड इन्सपेक्टर और बलदिया कमिशनर को चाहीए कि चिकन के दूकानों का मुआइना करते हुए क़ीमतों पर कंट्रोल करें ताकि अवाम को नुक़्सान ना हो और चिकन फ़रोख़त करने वाले दूकानदार चिकन का नाम दूकान पर चस्पाँ करते हुए रोज़ाना की क़ीमत का भी एलान करें। चंद दुकानात वाजिबी क़ीमत पर चिकन फ़रोख़त कररहे हैं।