चित्तूर एनकाउंटर, क़त्ल का मुक़द्दमा दर्ज करने हाईकोर्ट की हिदायत

हैदराबाद हाईकोर्ट ने एनकाउंटर में 20 मज़दूरों की हलाकत पर ब्रहमी का इज़हार करते हुए एनकाउंटर वाक़िये को 302 के तहत क़त्ल का मुक़द्दमा दर्ज करने की हुकूमत आंध्र प्रदेश को हिदायत दी।

आइन्दा समाअत पीर तक मुल्तवी करदी। आंध्र प्रदेश की पुलिस ने एनकाउंटर वाक़िये पर हाईकोर्ट को एक रिपोर्ट पेश की। जज ने सवाल किया कि आख़िर एनकाउंटर में हिस्सा लेने वाले पुलिस मुलाज़िमीन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज क्युं नहीं किया गया ? पुलिस की तरफ से पेश करदा रिपोर्ट वाज़िह ना होने का दावे करके तफ़सीली रिपोर्ट पेश करने की डी जी पी आंध्र प्रदेश को हिदायत दी।

आंध्र प्रदेश पुलिस को हाईकोर्ट की ब्रहमी का सामना करना पड़ा। इस से मरबूत तबदीली में मद्रास हाईकोर्ट ने 6 महलोकीन की लाशों का दूसरी मर्तबा पोस्टमार्टम करने का हुक्म करने से इनकार कर दिया।

टामिलनाडु में इस मसले पर मुख़्तलिफ़ पार्टीयों ने सियासी ख़ुतूत से बालातर होकर एहतेजाज किया है। आंध्र प्रदेश सिविल लिबरेशन कमेटी के सेक्रेटरी सी चन्द्रशेखर ने हैदराबाद हाईकोर्ट में एक रिट पेटीशन दाख़िल की थी। इस में इल्ज़ाम आइद किया था कि 20 अफ़राद का एनकाउंटर दरअसल क़त्ल का केस है ये ग़रीब मज़दूर टामिलनाडु से ताल्लुक़ रखते थे। अदालत ने तहक़ीक़ाती ओहदेदारों को हिदायत दी कि वो इस मसले पर संजीदगी से तहक़ीक़ात करें।