मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम ने आज एहसास ज़ाहिर किया कि ज़बानों से ना वाक़फ़ीयत बाअज़ वक़्त मुवासलाती राबिता में बहुत बड़ी रुकावट बनती है।
चिदम़्बरम ने कहा के उन्हें हिंदूस्तान की 3 या 4 इलाक़ाई ज़बानें आती हैं। इस की मदद से वो अवाम तक बेहतर राबिता(मेल मेलाप) क़ायम करसकते हैं और वो यू पी ए के दूसरे मरहला की कारकर्दगी(कोशिश) के बारे में अवाम को वाक़िफ़ करायेंगे । उन्हों ने मज़ाहीया अंदाज़ में कहा कि अगर वो चाहते हैं तो मैं उन के सवालात का हिन्दी में जवाब दूंगा या टामल में।