चीनी अख़बार ने नोटबंदी का उड़ाया मजाक, कहा- मंगल पर घर देने जैसे वादे थी पीएम मोदी की खोखली घोषणा

नई दिल्ली: बुधवार को चीन के एक प्रमुख अखबार ने भारत में ली गई नोटबंदी की फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इस फैसले को ‘बड़ी असफलता’ बताया है. मोदी सरकार के इस फैसले के बारे में अखबार ने लिखा है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था कम से कम 10 साल पीछे चली गई है.

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अख़बार ने लिखा है कि दुर्भाग्यच से वास्तविकता यह है कि नोटबंदी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था कम से कम एक दशक पीछे ढकेला चला गया है, जिससे नौकरियां कम हो रही हैं. इसके अलावा, इस फैसले से बुजुर्ग नागरिकों को भी गंभीर रूप से मानसिक और शारीरिक कष्ट झेलना पड़ा, जिन्होंने बैंक की कतारों में घंटों बिताए, उनमें से कुछ की मौत भी हो गई.
जनसत्ता के अनुसार, ग्लोेबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि 8 नवंबर को मोदी द्वारा 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा ‘बेघर लोगों को एक महीने के समय में मंगल पर घर देने जैसे वादे’ के जैसी थी. उनहोंने ने लिखा है कि नोटबंदी एक बहुत बड़ी असफलता के रूप में सामने आई है.

अखबार ने डिजिटल लेनदेन पर भी चर्चा किया और केंद्र तथा आरबीआई पर निशाना साधते हुए लिखा कि बिना आधारभूत संरचना तैयार किए भारत कैसे रातोंरात कैश आधारित अर्थव्यवस्था से डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदल सकता है?
उसने लिखा, नोटबंदी से सिर्फ भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी हुई है, यह पूरी कवायद बिना किसी तर्क या समझ के चलाई गई,

बता दें कि भारतीय पत्रकार बरखा दत्त् ने भी वॉशिंगटन पोस्ट में लिखे एक लेख में कुछ ऐसी ही बात कही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 1970 के दशक में पहुंचा दिया है.