चीनी ख़लाई जहाज़ (अन्तरिक्ष यान) बैन-उल-अक़वामी (इंटरनेशनल ) ख़लाई स्टेशन से मरबूत (कनेक्ट)

ख़लाई जहाज़ (अन्तरिक्ष यान) के तजुर्बा गाह से मुंसलिक (जुड़ने) होने का अमल ख़लाई मर्कज़ की तैय्यारी में कलीदी (ख़ाश) एहमीयत रखता है चीन ने अपने शनज़ो 9 नामी ख़लाई जहाज़ (अन्तरिक्ष यान) को ख़ुदकार निज़ाम (ऑटोमेटिक सिस्टम) की बजाय ख़ला बाज़ों (अन्तरिक्ष यात्रियों) की मदद से तयानगोनग ख़लाई तजुर्बा गाह से मुंसलिक (जुड़ने) करने का कामयाब तजुर्बा किया है।

ये चीन की जानिब से इस किस्म की पहली कोशिश है। इस से पहले 1960 की दहाई में अमरीका और रूस कामबाबी से ग़ैर ख़ुदकार तरीक़े से ख़लाई जहाज़ (अन्तरिक्ष यान) को ख़लाई मर्कज़ से मुल्हिक़ (कनेक्ट कनेक्ट ) कर चुके हैं। चीन के सरकारी टी वी पर नशर (प्रसारित ) किए जाने वाले मुनाज़िर में चीनी ख़लाबाज़ों जंग हाईपिंग, लियो वांग और मुल़्क की पहली ख़ातून ख़ला बाज़ लियो म्यूंग को कामयाबी से ये अमल मुकम्मल करते दिखाया गया है।

लियो वांग इस सारे अमल के निगरान थे जबकि लियो म्यूंग ने ख़लाबाज़ी (अन्तरिक्ष कार्य ) से मुताल्लिक़ तजुर्बात सरअंजाम दिए। ए एफ़ पी के मुताबिक़ इस कामयाब कोशिश से चीन को इस साठ टन वज़नी ख़लाई स्टेशन की तामीर में मदद मिलेगे जिसे वो 2020 तक मुकम्मल करना चाहता है। ख़लाई जहाज़ (अन्तरिक्ष यान) के तजुर्बा गाह से मुंसलिक (जुड़ने) होने का अमल ख़लाई मर्कज़ की तैय्यारी में कलीदी (ख़ाश) एहमीयत रखता है।

ग़ैर ख़ुदकार तरीक़ा से ख़लाई जहाज़ (अन्तरिक्ष यान) को ख़लाई स्टेशन से मुत्तसिल करने की सलाहीयत इस लिए हासिल की जाती है कि अगर ख़ुदकार निज़ाम काम करना छोड़ दे तो इस सूरत में ये अमल सरअंजाम दिया जा सके। इस कोशिश से चीन को 60 टन वज़नी ख़लाई स्टेशन की तामीर में मदद मिलेगी जिसे वो 2020 तक मुकम्मल करना चाहता है।

शीनज़ो 9 ख़लाई जहाज़ (अन्तरिक्ष यान) जारीया माह की 16 तारीख़ को खला (अन्तरिक्ष) में रवाना किया गया था और 18 जून को ख़ुदकार तरीक़ा से ख़लाई मर्कज़ से मुंसलिक (जुड़ गया) हो गया था। ये मिशन चीन के एक गर्दिश करने वाले ख़लाई मर्कज़ की तैय्यारी का हिस्सा है।

ख़्याल रहे कि चीन को मुम्किना तौर पर अमरीकी एतराज़ात के बाद इस बैन-उल-अक़वामी ख़लाई मर्कज़ के मंसूबे का हिस्सा नहीं बनाया गया था जिस में 16 आलमी ममालिक शामिल हैं।