चीनी गणेश मूर्तियों की आँखें छोटी! मेक इन इंडिया के लिए पारीकर का ज़ोर

नई दिल्ली: अब जबकि हिन्दुस्तानी भगवानों को तक चीन से दरआमद किया जा रहा है, वज़ीर-ए-दिफ़ा मनोहर पारीकर ने आज बयान किया कि किस तरह इस मुल्क से हिन्दुस्तान में आने वाली लार्ड गणेश की मूर्तियों की आँखें छोटी से छोटी होती जा रही हैं।

पारीकर जो डिज़ाइन ऐंड मेक इन इंडिया-इलेक्ट्रॉनिक्स के मौज़ू पर समीनार से मुख़ातब थे, हुकूमत की इस सब से नुमायां मुहिम की एहमीयत के ताल्लुक़ से इज़हार-ए-ख़्याल कररहे थे। वज़ीर मौसूफ़ ने कहा कि उन्हें अक्सर-ओ-बेशतर प्रोग्रामों में शिरकत के मौक़े पर तोहफ़ों की शक्ल में भगवानों बिलख़ुसूस गणेश की मूर्तियां मिलती हैं।

मैंने ग़ौर किया कि आजकल आँखें छोटी से छोटी होती जा रही हैं। एक रोज़ मैंने उसे (मूर्ती को) पलटा कर देखा और मेड इन चाइना लिखा पाया पारीकर के इस बात पर विवेकानंदा इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन में सामईन हंस पड़े। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तानियों ने देवी सरस्वती और गणेश-ओ-दीगर भगवानों के चेहरे के नुक़ूश का तसव्वुराती ख़ाका राजा रवी वर्मा की मुसव्विरी की असास पर किया है।

उन्हों हिन्दुस्तान के मुक़ाबिल चीन की बरतरी का ज़िक्र करते हुए कहा, अगर ये (रुजहान) बतदरीज तबदील होने लगे तो मुतअज्जिब ना हूँ । लिहाज़ा हमें दीवाली के तोहफ़ों से लेकर हमारे भगवानों के मामले में मेक इन इंडिया मुहिम शुरू करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में बड़ी तादाद में नौजवान हैं क्योंकि इस मुल्क की आबादी बहुत बड़ी है।