चीनी पत्रकार वीजा मामला: चीन ने भारत को चेताया

पेइचिंग। भारत की ओर से चीन के तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि बढ़ाने से इनकार किए जाने पर चीन के एक सरकारी दैनिक अखबार ने रविवार को चेतावनी दी है। इस सरकारी मीडिया कहा कि यदि यह कदम एनएसजी में भारत की सदस्यता हासिल करने की कोशिश में चीन द्वारा उसका साथ न दिए जाने की प्रतिक्रिया है तो इस बात के ‘गंभीर परिणाम’ होंगे।

‘द ग्लोबल टाइम्स’ के संपादकीय में कहा गया, ‘ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चूंकि चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के शामिल होने का विरोध किया, इसलिए भारत अब बदला ले रहा है। यदि नई दिल्ली वाकई एनएसजी सदस्यता के मुद्दे के चलते बदला ले रही है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।’ चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिंहुआ के तीन चीनी पत्रकारों की भारत में रहने की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया गया है।

इन तीन पत्रकारों में दिल्ली स्थित ब्यूरो के प्रमुख वू कियांग और मुंबई स्थित दो रिपोर्टर तांग लू और मा कियांग शामिल हैं। इन तीन पत्रकारों के वीजा की अवधि इस माह के अंत में पूरी हो रही है। इन तीनों ने ही उनके बाद इन पदों को संभालने वाले पत्रकारों के यहां पहुंचने तक के लिए वीजा अवधि में विस्तार की मांग की थी। संपादकीय में कहा गया कि भारत के इस कदम को कुछ विदेशी मीडिया संस्थानों ने एक ‘निष्कासन’ करार दिया है।

संपादकीय ने लिखा गया है, ‘इस बार वीजा के मुद्दे पर हमलोग को प्रतिक्रिया में कोई जवाब देना चाहिए। हमें कम से कम कुछ भारतीयों को अहसास करना होगा कि चीनी वीजा हासिल करना भी आसान नहीं है। वीजा के नवीनीकरण खारिज करने का कोई आधिकारिक कारण नहीं दिया गया है। कुछ इंडियन मीडिया का कहना है कि ये तीनों जर्नलिस्ट भेष और नाम बदलकर मुंबई और दिल्ली में संवेदनशील विभागों तक अपनी पहुंच बना रहे थे। ऐसी रिपोर्ट भी आ रही है कि ये जर्नलिस्ट निर्वासित तिब्बतियों के साथ मीटिंग कर रहे थे।’