चीन। रूस टैक्नालोजी दोस्ती

दुनिया भर में टैक्नालोजी का फ़रोग़ (तरक़्क़ी) ख़ासकर सीलोर फ़ोनज़ आटो मोबाईलज़, इलैक्ट्रॉनिक अशीया वग़ैरा की बला नज़ीर तलब की वजह से माहिरीन टैक्नालोजी इस शोबा में ख़ुसूसी तवज्जा दे रहे हैं। रूस और चीन के दरमयान भी हालिया टैक्नालोजी मुआहिदा की तैय्यारीयां इस बात की निशानदेही करती हैं कि टैक्नालोजी के शोबा में बाहमी तआवुन और अमल के लिए सरहदों को उबूर कर लेना ज़रूरी है। रूस और चीन ताल्लुक़ात का अब तक ऐसा कोई देरीना दोस्ताना सबूत नहीं है। हिंदूस्तान के साथ रूस के देरीना रवाबित और दोस्ती में इस्तिहकाम की एक तवील तारीख़ है मगर अब रूस ने चीन के साथ मुआहिदा की राह ढूंढ निकाली है तो हिंदूस्तान के लिए कोई तशवीश की बात तो नहीं है मगर चीन के साथ रूस की बढ़ती दोस्ती को हिंदूस्तान के साथ देरीना ख़ारिजा पालिसी पर असरअंदाज़ होने नहीं देना चाआई। चीन के साथ टैक्नालोजी की असरी ज़रूरीयात की तकमील के लिए किया जाने वाला रूस का मुआहिदा इस बात का मुज़ाहरा है कि रूस ने अपनी ख़ारिजा पालिसी का रुख मग़रिब से मशरिक़ की तरफ़ करलिया है। इस की वजह से हिंदूस्तान के साथ देरीना रवाबित पर दूररस नताइज मुरत्तिब होंगी। दुनिया में मआशी तरक़्क़ी, असरी टैक्नालोजी का फ़रोग़, मुल्की आमदनी में इज़ाफ़ा, कनज़्यूमर अज़म का फ़रोग़, बरानडड मसनूआत में इज़ाफ़ा, रीयल और माडरनाईज़ीशन का रस्ता मज़बूत होता जा रहा है। कई ममालिक टैक्नालोजी के शोबों में तेज़ी से तरक़्क़ी कररहे हैं। जारीया मआशी आज़ादी की वजह से मुख़्तलिफ़ ममालिक की अशीया मुक़ामी मार्किट में दाख़िल होगई हैं। हिंदूस्तान में भी चीन की अशीया का चलन आम होगया है। टैक्नालोजी के शोबा में सुस्ती अशीया की तैय्यारी में चीन ने अपनी पैदावार बढ़ा ली है। रूस का चीन के साथ मुआहिदा करने का फ़ैसला इस टैक्नालोजी ज़रूरीयात की तकमील का एक हिस्सा है। वज़ीर-ए-आज़म रूस विलादमीर पोटन दो रोज़ा दौरा पर चीन पहूंचे हैं इस दौरा के मक़ासिद को पूरा कर लेने के लिए टैक्नालोजी मुआहिदा पर दस्तख़त किए जा रहे हैं। मईशत को असरी टैक्नालोजी से आरास्ता करने के लिए बेन सरकारी तआवुन का एक याददाश्त मुफ़ाहमत होता है तो ये मुक़ामी तौर पर मार्किट में अशीया की ज़रूरत को यक़ीनी बनाने में मदद मिलेगी। वज़ीर-ए-आज़म रूस विलादमीर पोटन का ये दौरा चीन इस लिहाज़ से भी एहमीयत रखता है क्योंकि उन्हों ने हाल है में अपने मुल़्क की दुबारा सदारत करने का ऐलान किया है। मौजूदा सदर डीमतरे मैडोफ हुकूमत की ज़िम्मेदारी য৒ब सँभालेंगेगी। ख़ारिजा पालिसी को अपने हाथ में लेने का फ़ैसला रूस की मौजूदा ख़ारिजा पालिसी के तनाज़ुर में एहमीयत रखता है। इन का दौरा चयन भी इस बात का इशारा है कि वो आइन्दा मुल़्क की सदारत पर दुबारा फ़ाइज़ होने की राह हमवार करचुके हैं। विलादमीर का ये दौरा चीन दो एशियाई मुल्कों के दरमयान हिक्मत-ए-अमली के ताल्लुक़ात के ऐलान और उसे फ़रोग़ देने की 10 साला तारीख़ की एक अलामत है। रूस की हुक्मरानी पर पोटन गुज़श्ता 12 साल से असरअंदाज़ हैं लेकिन उन की चीन के साथ नई तवानाई दोस्ती और मुआहिदों की कोशिश का आलमी सतह पर दीगर ममालिक बेचैनी से मुशाहिदा कररहे हैं। चीन ने हालिया बरसों में सुस्ती टैक्नालोजी को फ़रोग़ दिया है। जो इस्तिमाल में आसान और क़ुव्वत ख़रीद के दायरा में होती है। एशियाई मुल्कों में टैक्नालोजी का फ़रोग़ और वुसअत पज़ीरी ने मग़रिबी दुनिया को बेचैन करदिया है। सेहत के शोबा में भी चीन ने कई तरक़्कीयां करने का अज़म करलिया है। हिंदूस्तान की मार्किट भी इस की नई सस्ती टैक्नालोजी के लिए एक तवज्जा का मर्कज़ बनी हुई है। ताज़ा टैक्नालोजीज़ और आलमी सतह पर वक़ूअ पज़ीर तबदीलीयों पर चीन ने ध्यान दिया है। हिंदूस्तान में शोबा सेहत के लिए टैक्नालोजी का इस्तिमाल बढ़ने से फ़रोख़त और तक़सीम के निज़ाम में इज़ाफ़ा हो रहा है। हिंदूस्तानी मुनयो फैक्चरस मैं शोबा सेहत में असरी टैक्नालोजी से तैय्यार करदा अशीया। पर ध्यान दे रहे हैं। शोबा सेहत और दवा साज़ी की सनअत में रूस ने भी तरक़्क़ी की है लेकिन अब रूसी साईंसदानों ने ज़ख़मों को मुंदमिल करने के लिए एक ऐसा तरीक़ा बनालिया है जिस में दवा का इस्तिमाल नहीं किया जाएगा। पनसलीन की ईजाद को एक इन्क़िलाबी तरक़्क़ी समझा गया है। आलमी सतह पर टैक्नालोजी की तरक़्क़ी ने ही रूस और चीन को एक दूसरे के क़रीब होने और मआशी तरक़्क़ी को टैक्नालोजी से मरबूत करने का मौक़ा फ़राहम किया है। इस लिए हिंदूस्तान को इस जानिब तवज्जा देने की ज़रूरत है। चीन के साथ टैक्नालोजी तआवुन के लिए रूस की नई पालिसी ने भी हिंदूस्तान को इस जानिब तवज्जा देने की ज़रूरत है। चीन के साथ टैक्नालोजी तआवुन के लिए तो रूस की नई पालिसी ने भी हिंदूस्तान के लिए दो महाज़ खोल दिए हैं इस के लिए रूस। चीन दोस्ती से एक फ़ायदा ये होगा कि उसे भी तरक़्क़ी के मवाक़े हासिल होंगे दूसरा रूस। चीन मुआहिदा हिंदूस्तान के लिए बड़ा चैलेंज भी है। आला सतही टैक्नालोजी के शोबों में अपने तिजारती तबादलों पर तवील मुद्दत से जद्द-ओ-जहद करने वाले हिंदूस्तान और रूस को चीन की उभरती टैक्नालोजी किसी चैलेंज से कम नहीं। हालिया बरसों में चीन, एशीया का सब से बड़ा सनअती मलिक बिना है। इस साल इस ने रूस के साथ सब से बड़ी तिजारती शराकतदारी का मुआहिदा किया है। जनवरीता अगस्त के दरमयान 50 मुलैय्यन अमरीकी डालर की बरामदात और दरआमदात हुई हैं। दोनों मुल्कों ने आइन्दा 2015 तक अपनी तिजारत का निशाना 100 बिलीयन डालर मुक़र्रर किया है। हिंदूस्तान की हुकूमत को भी आलमी सतह पर बढ़ते कनज़्यूमर ज़म और बैन-उल-अक़वामी मयार की मख़सूस अशीया की तैय्यारी का शऊर बुलंद करने की ज़रूरत है क्योंकि ये मआशी तरक़्क़ी को बरक़रार रखने में मुआविन होसकते हैं।