चीन अब तिब्बत और नेपाल के दरमयान 540 किलो मीटर तवील तेज़ रफ़्तार ट्रेन राबिता की तामीर का मंसूबा बना रहा है। हैरत अंगेज़ बात ये है कि ये तवील रास्ता दुनिया के बलंद तरीन पहाड़ माउंट एवरेस्ट के नीचे सुरंग तामीर करके तैयार किया जाएगा।
चीन की जानिब से ये एक ऐसा क़दम होगा जो यक़ीनन हिंदुस्तान के लिए भी तशवीश का बाइस बन सकता है क्योंकि इस तरह पड़ोसी मुल्क अपना असर और रसूख़ दिखाने का ख़ाहां मालूम होता है।
दरीं अस्ना सरकारी अख़बार चाइना डेली ने भी एक रिपोर्ट शाय की है जिस में ये वज़ाहत की गई है कि चीन मौजूद संघाई – तिब्बत रेलवे लाईन को चीन – नेपाल सरहद तक तौसीअ देना चाहता है जो बराह तिब्बत गुज़रेगी और इस तरह बाहमी तिजारत और स्याहत में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होगा क्योंकि फ़िलहाल दोनों ममालिक के दरमयान कोई रेल राबिता नहीं है।
तवक़्क़ो की जा रही है कि मुजव्वज़ा रेलवे लाईन की तकमील 2020 तक हो जाएगी अलबत्ता मसारिफ़ के बारे में कोई तफ़सीलात पेश नहीं की गईं। चीन ने हाल ही में नेपाल के लिए अपनी सालाना इमदाद को 128 मिलियन डॉलर्स कर दिया है जबकि क़ब्लअज़ीं सिर्फ़ 24 मिलियन डॉलर्स ही दिए जाते थे।