चीन के बड़ी मुस्लिम आबादी वाले शिनजियांग प्रांत में बच्चों के मजहबी शिक्षा पर लगी रोक

बिजिंग: चीन सरकार ने बुधवार (12 अक्टूबर) को नई शिक्षा नीति की घोषणा की जिसके अनुसार अगर कोई मां-बाप या अभिभावक अपने बच्चों पर मजहबी चीजों को अपनाने की हिदायत करते हुए पाया जाता है तो इसकी पुलिस में शिकायत की जा सकेगी. माता-पिता या अभिभावक नाबालिगों को मजहबीकार्यक्रमों में शामिल नहीं कर सकते. चीन के शिनजियांग प्रांत में मां-बाप द्वारा बच्चों के मजहबी शिक्षा पर रोक लगा दी गई है. शिनजियांग की कुल आबादी में करीब 40 प्रतिशत (लगभग एक करोड़) लोग मुस्लिम वीगर समुदाय के हैं. ये प्रांत पिछले काफी समय से हिंसा से प्रभावित रहा है जिसमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. हालांकि वीगर समुदाय के नेताओं के अनुसार यहां होने वाले प्रदर्शन चीनी पुलिस के दमनकारी निति के खिलाफ होते हैं. चीन सरकार शिनजियांग में किसी भी तरह के गैर-कानूनी दमन से इनकार करती रही है.

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चीन सरकार के अनुसार,चीन में आधिकारिक तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता है, वीगर समुदाय के कानूनी, सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं. लेकिन नाबालिगों के मजहबी कार्यों में शामिल नहीं कियाजा सकता है. पिछले कुछ सालों में प्रशासन कई धार्मिक स्कूलों और मदरसों पर छापा मार चुका है. नई शिक्षा नीति इसी साल एक नवंबर से लागू होगी.
जनसत्ता के ख़बरों में चीन के सरकारी अखबार शिनजियांग डेली के हवाले से कहा है कि माता-पिता नाबालिगों में मजहबी विचारों को बढ़ावा नहीं दे सकते, न ही उन्हें मजहबी कपड़े या दूसरे चिह्न पहनने पर मजबूर कर सकते हैं. शिनजियांग के स्कूलों में भी किसी तरह के धार्मिक आयोजन पर रोक है.
अखबार के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या समूह बच्चों के ऐसे बरताव पर रोक लगाने के लिए पुलिस या सुरक्षा विभाग में शिकायत कर सकता है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार शिनजियांग में पहले से ही पुरुषों के दाढ़ी रखने और महिलाओं के बुरका पहनने पर रोक है.
चीन की नई शिक्षा नीति के अनुसार अगर मां-बाप अपने बच्चों को इन धार्मिक तौर-तरीकों से दूर नहीं रख पाते हैं तो उन्हें उनके मौजूदा स्कूल से निकाल कर विशेष स्कूलों में तथाकथित “सुधार” के लिए भर्ती करा दिया जाएगा. स्कूलों को हिदायत दी गयी है की बच्चों को धार्मिक शिक्षा से दूर रहने का माहौल तैयारकिया जाय जिससे उनमें “विज्ञान और सत्य की खोज को बढ़ावा मिले और अज्ञान और अंधविश्वास से बचे रहें.” वीगर समुदाय का आरोप है कि शिनजियांग में हान समुदाय के लोगों की आमद बहुत तेजी से बढ़ी है और उनके कारोबारी हितों को हतोत्साहित किया जाता है. विरोध प्रदर्शन करने वाले वीगर समुदाय के नेताओं के संग चीन सख्ती से पेश आता रहा है. प्रोफेसर इलहाम तोहती नामक वीगर मुस्लिम नेता को 2014 में अलगावाद को बढ़ावा देने के आरोपों में जेल भेज दिया गया था. मंगलवार को प्रोफेसर इलहाम का प्रतिष्ठित वार्षिक मानवाधिकार सम्मान दिया गया. चीन ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि वो एक अपराधी हैं जो आतंकवादियों की तारीफ करते हैं.