चीन के मुस्लिम नौजवान का साइकिल पर सफ़र हज

मक्का मुकर्रमा 21 अगस्त: हज बैतुल्लाह के लिए हर साल अक़्ता आलम से लाखों मुस्लमान मक्का मुअज़्ज़मा पहूँचते हैं मगर उनमें से बाज़ आज़मीने हज्ज अपने सफ़र को मुनफ़रद बनाकर आलमी तवज्जा का मर्कज़ बन जाते हैं।

एसे ही एक मुस्लमान का ताल्लुक़ चीन से है। जिसने साइकिल पर मुक़द्दस सफ़र का आग़ाज़ किया था। 8 हज़ार 150 किलो मीटर का सफ़र उसने साइकिल पर तए किया और अब हज बैतुल्लाह के लिए मक्का मुअज़्ज़मा पहूंच गया है। सऊदी अरब के मीडीया ने चीन के इस मुस्लिम नौजवान के जज़बा की क़दर करते हुए ज़बरदस्त कवरेज दिया है।

मुहम्मद मायाओचीन ने 3 माह पहले हज के सफ़र का आग़ाज़ किया था। उस का ताल्लुक़ चीन के इलाके शैनजीनग से है। रास्ते में मौसमी तब्दीलियां और सफ़री सऊबतें बर्दाश्त करते हुए आख़िर कार वो अपनी मंज़िल पर पहूंच गया। साइकिल पर उसने सफ़र का आग़ाज़ करते हुए सबसे पहले पाकिस्तान पहुँचा जहां से उसने सऊदी अरब के लिए हज वीज़ा हासिल किया और अफ़्ग़ानिस्तान , ईरान और इराक़ के रास्ते सऊदी अरब पहुँचा।

बहरीन में शाह फ़हद पुल उबूर कर के वो दमाम पहुँचा , जहां से रियाज़ और ताइफ के बाद मक्का मुकर्रमा पहोनचकर एक नया रिकार्ड क़ायम किया है। चीन में मुसलमानों की आबादी 26 मिलियन से ज़ाइद है। मगर यहां से सिर्फ चंद हज़ार मुसलमानों को हर साल फ़रीज़ा हज अदा करने की इजाज़त दी जाती है।