चीन के साथ हिंदूस्तान की तिजारत में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा

नई दिल्ली, ०७ जनवरी ( पी टी आई) वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम ने कहा कि चीन के साथ हिंदूस्तान की तिजारत ज़बरदस्त फ़रोग़ पा रही है इस मुल्क को दुश्मन क़रार देना मुनासिब नहीं है। इस के साथ ताल्लुक़ात को बिगाड़ने के बजाय बेहतर बनाने की ज़रूरत है।

उन्हों ने कहा कि चीन और हिंदूस्तान बड़े ममालिक हैं और बीजिंग यकसाँ महाज़ों पर नई दिल्ली को मसह बिकती चैलेंजस खड़ा कररहा है। सातवीं शुमाल मशरिक़ी तिजारती कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए चिदम़्बरम ने कहा कि हमें चीन से मुसाबक़त पर ख़ौफ़ज़दा होने की ज़रूरत नहीं और चीन से दुश्मनी की भी कोई वजह नहीं है। बहरहाल हम तमाम को चीन के साथ बेहतर रवाबित बरक़रार रखना चाहीए।

हिंदूस्तान और चीन के दरमयान बढ़ती मुसाबक़त से मुताल्लिक़ मीडीया के चंद गोशों मैं शाय होने वाली रिपोर्टों के बावजूद हिंदूस्तान और चीन के दरमयान तिजारत फ़रोग़ पा रही है। चीन , हिंदूस्तान का सब से बड़ा तिजारती हलीफ़ मलिक बिना है। चिदम़्बरम का ये ब्यान चीन के शहर युवा में हिंदूस्तानी ताजरीन की गिरफ़्तारी और इस के बाद रिहाई पर पैदा शूदा तनाज़ा के दरमयान सामने आया है।

इस मसला पर दोनों मुल्कों के दरमयान तिजारती तनाज़ा उठ खड़ा हुआ। हिंदूस्तान ने अपने ताजरीन को ये मश्वरा भी दिया है कि वो मसरूफ़ तरीन अशीया जाती मर्कज़ से ख़ुद को दूर रखें। हिंदूस्तानी सफ़ीर ऐस बाला चंद्रन को भी एक अदालत में ज़िद-ओ-कूब किया गया था। वो 31 डसमबर को दो हिंदूस्तानी ताजरीन की रिहाई के लिए कोशिश कररहे थे।

हिंदूस्तानी सफ़ीर के साथ की गई ज़्यादती के फ़ौरी बाद हिंदूस्तान ने चीन से एहतिजाज किया था। चिदम़्बरम ने कहा कि चीन एक मसह बिकती मुल्क है, हमारे लिए भी यकसाँ तौर पर मुसाबक़त का चैलेंज रखता है। वज़ीर-ए-दाख़िला ने मज़ीद कहा कि अगर चीन आलमी मयार की सड़क तामीर करसकता है तो हिंदूस्तान को भी आलमी मयार की सड़क तामीर करने का अहल होना चाहीए।

अगर वो आलमी मयार की रेलवे लाईन डालता है और ये रेल तिब्बत तक जाती है तो हिंदूस्तान को भी आलमी मयार की रेलवे लाईन शुमाल मशरिक़ी रियास्तों में बिछानी चाहीए और ये कैसा होगा इस पर ग़ौर करना ज़रूरी है। चिदम़्बरम ने मज़ीद कहा कि हिंदूस्तान अपने तीनों हमसाया ममालिक बंगला देश, मीनमार और चीन के साथ ख़ुशगवार ताल्लुक़ रखता है।