हिंदूस्तान ने चीनी फ़ौजी मसारिफ़ में इज़ाफ़ा पर आज गहरी तशवीश का इज़हार किया है लेकिन कहा कि वो बीजिंग को कोई ख़तरा तसव्वुर नहीं करता।
वज़ीर-ए-दिफ़ा (रक्षा मंत्री) ए के अनटोनी ने यहां स्कियोरिटी फ़ोर्म से ख़िताब करते हुए कहा कि चीन ने अपनी फ़ौजी सलाहीयतों और मसारिफ़ (खर्च) में इज़ाफ़ा किया है जिस पर हमें तशवीश है। वज़ीर-ए-दिफ़ा ने मज़ीद कहा कि हम अगर चीका अस्लाह की दौड़ पर ईक़ान नहीं रखते लेकिन हम अपने तौर पर अपने क़ौमी मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ करते हैं, हम भी अपनी सरहदों पर हमारी सलाहीयतों को मुस्तहकम कर रहे हैं। मिस्टर अनटोनी ने कहा कि नई दिल्ली अपने तमाम पड़ोसीयों के साथ मुस्तहकम ताल्लुक़ात की ख़ाहिशमंद है।
उन्होंने कहा कि दोनों ममालिक ( देशों) फ़ौज से फ़ौज के दरमयान तआवुन ( मदद) का आग़ाज़ ( शुरूआत) कर चुके हैं। कई सतहों पर हमारे फ़ौजी राबते ( संबंध) हैं और ताख़ीर (विलम्ब/ देर) से सही हम ने बहरीया की सतह पर तआवुन को तौसीअ दी है।
वज़ीर-ए-दिफ़ा ने जुनूबी चीन के समुंद्र पर पैदा शूदा तनाज़ा ( झगड़े) के तनाज़ुर में कहा कि हिंदूस्तान , तमाम बहरी गुज़र गाहों ( समुद्री) से आमद-ओ-रफ़्त (आवागमन/ यातायात) की आज़ादी चाहता है।