बीजिंग, ०९ जनवरी (पी टी आई) चीन ने आज कहा कि वो 2012-ए-में शिद्दत से कोशिशें करेगा कि हिंदूस्तान के साथ दिफ़ाई शराकतदारी को बेहतर बनाने के लिए बाहमी ताल्लुक़ात में तेज़ रफ़्तार तबदीलीयां पेश आएं और बाहमी तआवुन में इज़ाफ़ा हो सके।
हालाँकि इस काम में कई रुकावटें दरपेश हैं, जो बाहमी ताल्लुक़ात पर अपना साया डाल रही हैं। नायब वज़ीर-ए-ख़ारजा चीन लीवज़हीमन ने कहा कि दोनों ममालिक के क़ाइदीन के दरमयान बाहमी इत्तिफ़ाक़ राय से जो मुआहिदे तै पाए हैं, उन पर मुसलसल अमल आवरी एहमीयत रखती है, जैसे आली सतही तबा दिल्ली, बाहमी दिफ़ाई एतिमाद में इज़ाफ़ा।
मुख़्तलिफ़ शोबों में दोनों ममालिक के लिए फ़ायदेमंद तआवुन में गहराई पैदा करना और बाहमी ताल्लुक़ात से मुताल्लिक़ मसाइल की मुनासिब अंदाज़ में यकसूई वग़ैरा। सरकारी ख़बररसां इदारा झुन्नावा से बातचीत करते हुए लीवज़हीमन ने कहा कि चीन को उम्मीद है कि दोनों ममालिक एक दूसरे की ताईद-ओ-हिमायत करेंगे और एक दूसरे से सीखेंगी, ताकि बेहतर और तेज़ रफ़्तार शराकतदारी क़ायम हो सके।
नायब वज़ीर-ए-ख़ारजा चीन का ये इंटरव्यू ख़ास तौर पर हिंद। चीन ताल्लुक़ात पर मर्कूज़ था। उसे चीनी तजज़िया निगारों ने नुमायां एहमीयत दी है, क्योंकि चीनी ओहदादार बहुत कम इतनी वज़ाहत के साथ बाहमी ताल्लुक़ात में इज़ाफ़ा के बारे में इज़हार-ए-ख़्याल करते हैं।