चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप पर रॉकेट लांचर तैनात करे: रिपोर्ट

चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीप पर रॉकेट लॉन्चर तैनात कर दिया है। यह राकेट लांचर चीन ने वियतनामी सेना के गोताखोरों से बचने के लिए तैनात किया है, चीन के एक सरकारी समाचार पत्र ने अपनी एक रिपोर्ट मे कहा।

चीन ने कहा है कि, दक्षिण चीन सागर में यह सैन्य निर्माण ज़रूरी रक्षात्मक आवश्यकताओं तक ही सीमित होगा और वह अपने क्षेत्र में अपनी पसंद के अनुसार कुछ भी कर सकता है।

संयुक्त राज्य ने चीन के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा की चीन समुद्री चौकियों का सैन्यकरण कर रहा है। संयुक्त राज्य ने सामयिक रूप से हवाई और नौसैनिक गश्तियो के नेविगेशन की स्वतंत्रता की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे बीजिंग नाराज़ हो गया है।

राज्य के  अख़बार ‘डिफेंस टाइम्स”  ने मंगलवार को अपने ‘वी चैट’ अकाउंट पर आयी एक रिपोर्ट मे कहा कि, नोरिनको सीएस / एआर-1 55 मिमी एंटी-फ्रॉगमैन रॉकेट लांचर डिफेंस सिस्टम जिसमें  दुश्मन के लड़ाकू गोताखोरों की खोज और पहचान कर हमला करने की क्षमता है, उन्हें स्प्रैटली द्वीप समूह के फियरी क्रॉस रीफ पर तैनात किया गया है।

फियरी क्रॉस रीफ का संचालन चीन द्वारा किया जाता है लेकिन  इस पर फिलीपींस, वियतनाम और ताइवान का भी दावा है।

रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं की गयी है की राकेट लांचर कब स्थापित किये गए हैं लेकिन यह कहा गया कि यह मई 2014 में शुरू हुई एक प्रतिक्रिया का हिस्सा हैं, जब वियतनाम के गोताखोरों ने पैरासेल द्वीप समूह में बड़ी संख्या में मछली पकड़ने के जाल स्थापित कर दिए थे।

प्रति वर्ष 5 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का विश्व व्यापार दक्षिण चीन सागर के माध्यम से किया जाता है। इस क्षेत्र में चीन के क्षेत्रीय दावों के अलावा, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई, फिलीपींस और ताइवान के प्रतिद्वंद्वी दावे भी हैं।