चीन मनी लांडरिंग का एक नया आलमी मर्कज़ बन कर उभर रहा है। ख़बररसां इदारे एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक़ रक़ूम की गै़र क़ानूनी मुंतकली का ये काम सिर्फ चीनियों के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के जराइम पेशा अफ़राद के लिए भी अंजाम दिया जा रहा है।
ए पी के मुताबिक़ चीन में कई एक ऐसे तरीक़े दस्तयाब हैं जिनके ज़रीए काले धन को सफ़ेद किया जाता है। यूरोप और अमरीका में होने वाली हालिया तहक़ीक़ात के मुताबिक़ ये काम मुल्क के दो अहम रियास्ती बैंकों, इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट स्कीमों और गुज़िश्ता सदी की तारीखें इस्तेमाल करते हुए रक़ूम की बेक़ाइदा मुंतकली के ज़रीए किया जा रहा है।
एफ़ बी आई के मुताबिक़ इंटरनेट पर या साइबर जराइम करने वाले बहुत ही माहिर अफ़राद महज़ गुज़िश्ता दो बरसों के दौरान हज़ारों मग़रिबी कंपनीयों से मजमूई तौर पर 1.8 बिलीयन डॉलर्स हथिया चुके हैं।
इस के लिए ये अफ़राद ख़ुद को इन कंपनीयों के टॉप सरब्राहान साबित करते हुए रक़ूम ट्रांसफ़र कराते हैं। एफ़ बी आई के मुताबिक़ उसे अब तक मुतास्सिर होने वाली कंपनीयों से 13,500 शिकायात मौसूल हुई हैं। जबकि 2015 के दौरान ऐसे जराइम की तादाद में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ।