बीजिंग 06 नवंबर (एजैंसीज़) शेन जियांग और तिब्बत में मुसलसल अमन-ओ-सुकून के फ़ुक़दान के माहौल में चीन ने मुस्तक़िल तौर पर मकीन अक़ल्लीयतों के मुफ़ाद के पेशे नज़र और उन के जायज़ हुक़ूक़ के तहफ़्फ़ुज़ की ख़ातिर एक नया क़ानून नाफ़िज़ किया है ताकि वो अपनी तहज़ीबी रिवायत और मज़हब की पाबंदी कर सकें।
चीन की हुकूमत ने एक हिदायतनामा जारी किया है जिस में कहा गया है कि चीन ने इलाक़ाई शहरीयों की मुस्तक़िल सुकूनत के पेशे नज़र उन की आज़ादी हुक़ूक़ की ख़ातिर एक क़ानून नाफ़िज़ किया है जो मुस्तक़िल तौर पर मकीन अक़ल्लीयतों के मुफ़ाद और उन के जायज़ हुक़ूक़ का तहफ़्फ़ुज़ करता है।
इस मुल्क के शेन जियांग में नाम निहाद तौर पर ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमैंट (ई टी आई ऐम) के ज़रीया अलैहदगी पसंद मुहिम चलाई जा रही है जहां ओ ग़ौर तबक़ात के लोग अक्सरीयत पर मुश्तमिल बाण तबक़ात के लोगों को बस्तीयां बसाने से रोक रहे हैं।
दूसरी जानिब तिब्बत में ख़ुदकुशी के दस मुआमलात की ख़बर ही। तिब्बती शहरी चीनी हुक्मरानी के ख़िलाफ़ और जिलावतन मज़हबी लीडर दलाईलामा की वापसी के मुतालिबा के पेशे नज़र मुज़ाहिरे कर रहे हैं। हिदायतनामा के मुताबिक़ दस्तूर और मुक़ामी मुस्तक़िल बाशिंदों के आज़ादी हुक़ूक़ क़ानून के तहत इन इलाक़ों में बड़े पैमाने पर आज़ादी के हुक़ूक़ दिए गए हैं जिस के बाइस मुख़्तलिफ़ मज़ाहिब से ताल्लुक़ रखने वाले अक़ल्लीयती तबक़ात को अपने मज़हबी तर्ज़-ओ-रविष के मुताबिक़ अपनी ज़िंदगी गुज़ारने के मवाक़े हासिल हो सकेंगी।