चीन में ट्वीटर और दीगर ख़िदमात के इस्तिमाल के लिए सख़्त क़वानीन नाफ़िज़

बीजिंग 17 दिसमबर (पी टी आई) चीन ने 30 करोड़ अफ़राद की ताक़तवर माईक्रो ब्लॉगिंग पर सख़्त कंट्रोल मुसल्लत करते हुए आज से नए क़वानीन के नेफ़ाज़ का ऐलान किया है, जिस के तेहत ट्वीटर जैसी मुख़्तलिफ़ माईक्रो ब्लॉगिंग ख़िदमात से इस्तिफ़ादा कुनुन्दगान को अकाउंट रजिस्टर करते वक़्त अपनी सही शनाख़्त पेश करना लाज़िमी होगा।

जदीद क़वानीन पर अमल आवरी का बीजिंग से आग़ाज़ किया जा रहा है, जिस के मुताबिक़ वैब इस्तिमाल करने वालों को अब वैब साईट के मुंतज़मीन के पास अपने हक़ीक़ी नाम दर्ज करना होगा, जिस के बाद ही उन्हें माईक्रो ब्लॉग पोस्ट करने की इजाज़त दी जाएगी। ताहम ब्लॉगर्स को स्क्रीन पर अपने फ़र्ज़ी नाम इस्तिमाल करने की इजाज़त होगी, लेकिन इस के लिए भी असल शनाख़्त को रजिस्टर्ड करना लाज़िमी होगा,

जिस के बाद ही उन्हें ब्राउज़िंग, वैब साईट ब्लॉग्स पर अपने नज़रियात की तशहीर, इज़हार-ए-ख़्याल और मौसूला मकतूब देखने की इजाज़त होगी। दीगर ममालिक की तरह चीन में भी फ़िलहाल कई अफ़राद फ़र्ज़ी नामों पर ब्लॉगिंग किया करते हैं। सब में अहम बात ये है के इदारों और अफ़राद को गै़रक़ानूनी मवाद पोस्ट करने या ऐसे मौसूला मवाद की नक़ल निकालने पर भी इमतिना आइद करदिया गया है।

इन में ऐसी मालूमात भी शामिल हैं, जो सरकारी राज़ों के अफ़शा-ए-, क़ौमी सलामती को नुक़्सान, नसली इमतियाज़ात को मुश्तइल करने के इलावा समाजी निज़ाम में गड़बड़-ओ-इंतिशार पैदा करने जैसे ममनूआ अमल भी शामिल हैं। चीनी ब्लॉगर्स को अब बीजिंग में वाक़्य माईक्रो ब्लॉगिंग सर वैसीस के इस्तिमाल के लिए इंटरनैट इन्फ़ार्मेशन ऑफ़िस से मंज़ूरी लेना ज़रूरी होगा।

मुक़र्ररा वैब साईट्स की ज़िम्मेदारी ये होगी कि वो सही और हक़ीक़ी नामों पर ब्लॉगिंग करने वाले अफ़राद को जायज़ मवाद के इस्तिमाल का मौक़ा फ़राहम करे।