चीफ़ मिनिस्टर और दो वुज़रा में ठन गई

असेंबली हल्का राय चोटी में कांग्रेस उम्मीदवार के मसला पर चीफ़ मिनिस्टर और मुक़ामी अज़ला के दो वुज़रा में ठन गई। मुक़ामी वुज़रा रिटायर्ड मुस्लिम सब इन्सपेक्टर फ़ज़ल एलाही को उम्मीदवार बनाने पर ज़ोर दे रहे हैं, जब कि चीफ़ मिनिस्टर राम प्रसाद रेड्डी को उम्मीदवार बनाने के हक़ में हैं। असेंबली हल्का राय चोटी (ज़िला कड़पा) में 55 ता 60 हज़ार मुस्लिम राय दहिन्दे हैं। कांग्रेस के मुस्लिम क़ाइदीन के एक ग्रुप ने ए आई सी सी मुबस्सिर मिस्टर व्यालार रवी और सेक्रेट्री इंचार्ज ए आई सी सी मिस्टर के बी कृष्णा मूर्ती से मुलाक़ात करते हुए कम अज़ कम तीन असेंबली हल्कों में कांग्रेस पार्टी से मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने की तहरीरी तौर पर नुमाइंदगी की थी, जिस में असेंबली हल्का राय चोटी भी शामिल है, ताहम असेंबली हल्का अनंत पूर चीफ़ मिनिस्टर और सदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुस्लिम उम्मीदवार को इंतिख़ाबी मैदान में उतारने पर संजीदगी से ग़ौर कर रहे हैं।

सदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मंसूर अहमद को उम्मीदवार बनाने के हक़ में हैं, जब कि चीफ़ मिनिस्टर रशीद अहमद या उन की शरीक-ए-हयात मशीदा बेगम को उम्मीदवार बनाने के हक़ में हैं। बावसूक़ ज़राए से पता चला है कि ज़िला कड़पा की नुमाइंदगी करने वाले तीन के मिनजुमला दो वुज़रा और एक कांग्रेस के रुक्न पार्लियामेंट , असेंबली हल्का राय चोटी से मुस्लिम उम्मीदवार को इंतिख़ाबी मैदान में उतारना चाहते हैं। उन्हों ने रिटायर्ड सब इन्सपैक्टर मिस्टर फ़ज़ल एलाही का नाम भी पेश किया है और फ़ज़ल एलाही ने कैंप ऑफ़िस पहुंच कर चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी से मुलाक़ात भी की है, ताहम चीफ़ मिनिस्टर मुस्लिम उम्मीदवार की बजाय रेड्डी तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले राम प्रसाद को उम्मीदवार बनाने के हक़ में हैं।

चीफ़ मिनिस्टर का इस्तिदलाल है कि मुस्लिम उम्मीदवार वाई एस आर कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार के मुक़ाबला में कमज़ोर साबित होगा। चीफ़ मिनिस्टर के इस दावा पर राय चोटी के मुस्लमानों में कांग्रेस के ताल्लुक़ से नाराज़गी पाई जाती है और ये मुआमला दिल्ली तक पहुंच चुका है। मर्कज़ी वज़ीर-ए-सेहत-ओ-इंचार्ज आंधरा प्रदेश कांग्रेस उमूर मिस्टर ग़ुलाम नबी आज़ाद ने चीफ़ मिनिस्टर के बशमूल ज़िला कड़पा की नुमाइंदगी करने वाले दो वुज़रा और एक रुक्न पार्लियामेंट से टेलीफ़ोन पर बातचीत की और उम्मीदवारों के इंतिख़ाब में पाए जाने वाले नज़रियाती इख़तिलाफ़ात को दूर करने पर ज़ोर देते हुए इत्तिहाद का मुज़ाहरा करने और उम्मीदवार के नाम पर इत्तिफ़ाक़ राय पैदा करने के साथ उम्मीदवारों की कामयाबी के लिए मुत्तहदा तौर पर काम करने पर ज़ोर दिया है।