चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने आज शाम राज भवन पहुंच कर गवर्नर से तक़रीबन एक घंटे तक मुलाक़ात की 8 नवंबर को दिल्ली में मुनाक़िद होने वाले राबिता कमेटी के मीटिंग से पहले चीफ़ मिनिस्टर की गवर्नर से मुलाक़ात को काफ़ी एहमीयत दी जा रही है।
चीफ़ मिनिस्टर रियासत को मुत्तहिद रखने के लिए पार्टी हाईकमान को मना कर आएंगे या तेलंगाना की तशकील के लिए राज़ी होकर आएंगे इस पर कयास आराईयां शुरू होचुकी हैं।
चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी कांग्रेस वर्किंग कमेटी में तीन माह पहले अलाहिदा तेलंगाना की क़रारदाद मंज़ूर करने के बावजूद रियासत को तक़सीम करने की शिद्दत से मुख़ालिफ़ कररहे हैं।
उसकी परवाह किए बगै़र मर्कज़ी हुकूमत ने अलाहिदा तेलंगाना रियासत की तशकील के अमल को तेज़ कर दिया है और दिल्ली में तेलंगाना की सरगर्मीयां उरूज पर पहूंच चुकी हैं मुत्तहदा आंध्र की ख़ातिर एक माह पहले विज़ारतों से मुस्ताफ़ी होने वाले सीमांध्र के मर्कज़ी वुज़रा अब हैदराबाद पर अपना हक़ जताते हुए सीमांध्र इलाक़ा के लिए भारी पैकेज हासिल करने के लिए अपनी दौड़ धूप शुरू करचुके हैं।
ज़राए ने ये भी बताया कि चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी भी असेंबली में तेलंगाना की क़रारदाद को शिकस्त देने के बाद चीफ़ मिनिस्टर के ओहदे से मुस्ताफ़ी होने पर ग़ौर कररहे हैं। 8 नवंबर का दिन रियासत आंध्र प्रदेश और चीफ़ मिनिस्टर के लिए काफ़ी एहमीयत का हामिल माना जा रहा है।
कांग्रेस हाईकमान रियासत को तक़सीम करते हुए सीमांध्र को भारी पैकेज देने का इरादा रखती है। इस पर भी चीफ़ मिनिस्टर से तबादला-ए-ख़्याल और उन से तजावीज़ तलब करने का इमकान है।