दिल्ली में कांग्रेस क़ाइदीन की तरफ से रियासत की क़ियादत में तबदीली ना होने से मुताल्लिक़ बयानात का सिलसिला जारी है, लेकिन सोनिया गांधी के क़रीबी हलक़ों की मानें तो आला कमान ने क़ियादत में तबदीली के सिलसिले में अपना ज़हन बना लिया है।
बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ कांग्रेस पार्टी की कोर कमेटी के साथ मीटिंग में सदर कांग्रेस सोनिया गांधी ने आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के हालात पर सख़्त नाराज़गी जताई और चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेडडी की कारकर्दगी पर अदम इतमीनान का इज़हार किया।
इस मीटिंग में मौजूद कोर कमेटी अरकान की अक्सरीयत ने भी सोनिया गांधी की राय से इत्तिफ़ाक़ करते हुए किरण कुमार रेड्डी की कारकर्दगी और खासतौर पर कांग्रेस को कमज़ोर होने से बचाने में नाकामी के लिए क़सूरवार क़रार दिया।
इन हालात में आला कमान पार्टी और हुकूमत को बचाने के लिए क़ियादत में तबदीली पर संजीदगी से ग़ौर कररहा है। बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ 25 नवंबर के बाद आला कमान , आंध्र प्रदेश की क़ियादत में तबदीली के मसले पर अपनी तवज्जे मर्कूज़ करेगा।
पार्लियामेंट के सरमाई सेशन में हुकूमत को तहरीक अदम एतेमाद का सामना है और बैरूनी रास्त सरमाया कारी के मसले पर अपोज़ीशन के हमले से भी यू पी ए हुकूमत अपनी बक़ा को लेकर फ़िक्रमंद है।
अगर इन दोनों हालात से यू पी ए हुकूमत बआसानी निकल पाती है तो इस के फ़ौरी बाद रियासत की क़ियादत में तबदीली के अमल पर तवज्जे दी जाएगी। ज़राए के मुताबिक़ पार्लियामेंट के सरमाई सेशन के इखतेताम तक या फिर सेशन के फ़ौरी बाद किरण कुमार रेड्डी को तबदील कर दिया जाएगा।
इस तरह रियासत में किरण कुमार रेड्डी की कुर्सी को ख़तरा लाहक़ हो चुका है। किरण कुमार रेडडी चीफ़ मिनिस्टर की हैसियत से 25 नवंबर को अपने दो साल मुकम्मल करने को हैं।
25 नवंबर 2010 को उन्होंने चीफ़ मिनिस्टर की हैसियत से हलफ़ लिया था। इस मुद्दत की तकमील के बाद उन की तबदीली की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। बताया जाता है कि कांग्रेस आला कमान और खासतौर कोर कमेटी अरकान की अहम शिकायत ये है कि चीफ़ मिनिस्टर रियासत के मसाले से निमटने में बुरी तरह नाकाम हुए हैं और वो हर मसले के लिए कांग्रेस आला कमान को ज़िम्मेदार क़रार दे रहे हैं।
कांग्रेस क़ाइदीन और अवामी नुमाइंदों की दीगर जमातों में शमूलीयत , पार्टी में दाख़िली नाराज़गीयाँ और हाल ही में एक हलीफ़ जमात की ताईद से दसतबरदारी जैसे उमोर का हाईकमान ने संजीदगी से नोट लिया है। इन का कहना है कि अगर चीफ़ मिनिस्टर चाहते तो रियासत की सतह पर ही उन मसाले को हल किया जा सकता था लेकिन उन्हों ने सारा वबाल कांग्रेस हाईकमान के सर डाल दिया।
यही वजह है कि पार्टी के सीनीयर क़ाइदीन खुल कर किरण कुमार रेडडी के ख़िलाफ़ मीडीया में बयानात दे रहे हैं और उन की तबदीली की मांग की जा रही है। ज़राए ने बताया कि किरण कुमार रेडडी की तर्ज़ हुकूमत से क़ाइदीन और कारकुनों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है।
रियासत में वुज़रा और चीफ़ मिनिस्टर के दरमयान हती कि चीफ़ मिनिस्टर और प्रदेश कांग्रेस के दरमयान ताल मेल की कमी देखी जा रही है। यही वजह है कि हालिया अर्से में रियासत में ज़िमनी चुनाव में कांग्रेस को बदतरीन शिकस्त का सामना करना पड़ा।
हाईकमान की ये भी शिकायत है कि जगन मोहन रेड्डी की वाई एस आर कांग्रेस पार्टी से निमटने और कांग्रेस क़ाइदीन को इस पार्टी में शमूलीयत से रोकने में भी किरण कुमार रेडडी नाकाम रहे।
उन्हों ने अरकान असेंबली से रब्त पैदा करते हुए उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की। कोर कमेटी ने आंध्र प्रदेश के बारे में बाज़ एजैंसीयों की तरफ से किए गए सर्वे रिपोर्टस भी पेश की गईं जिस में आइन्दा चुनाव में कांग्रेस की शिकस्त की पेश क़ियासी की गई है। कोर कमेटी का ये एहसास था कि अगर यही कमज़ोर मौक़िफ़ बरक़रार रहा तो इस का असर मर्कज़ी हुकूमत पर भी पड़ सकता है क्योंके आंध्र प्रदेश से बड़ी तादाद में लोक सभा के लिए कांग्रेस के अरकान मुंतख़ब होते रहे हैं।
बताया जाता है कि कोर कमेटी के बाज़ अरकान जो किरण कुमार रेडडी के हामी समझे जाते थे, उन्होंने भी अपना मौक़ुफ़ तबदील कर लिया। आंध्र प्रदेश की सूरत-ए-हाल के बारे में सोनिया गांधी, कोर कमेटी के जिन अरकान से मुशावरत की इन में अहमद पटेल, ग़ुलाम नबी आज़ाद, सुशील कुमार शनदे, वीलार रवी और पी चिदम़्बरम शामिल हैं।
बताया जाता है कि क़ियादत में तबदीली के साथ साथ आंध्र प्रदेश उमूर् के इंचार्ज की हैसियत से ग़ुलाम नबी आज़ाद की जगह दिग्विजय सिंह को नामज़द करने पर भी ग़ौर किया जा रहा है।
क़ियादत में तबदीली की क़ियास आराईयों के साथ ही कांग्रेस हलक़ों में तेलंगाना से आइन्दा चीफ़ मिनिस्टर होने को यक़ीनी समझा जा रहा है। बताया जाता है कि मसले तेलंगाना से निमटने के लिए कांग्रेस इस तरह का इक़दाम करसकती है।
तेलंगाना से चीफ़ मिनिस्टर के चुनाव की सूरत में जो नाम हाईकमान के ज़ेर-ए-ग़ौर है, इन में जाना रेडडी, एम शशी धर रेडडी, जए पाल रेडडी, उत्तम कुमार रेडडी और डी सरीनवास शामिल हैं।
अगर आंध्र से चीफ़ मिनिस्टर का चुनाव किया जाएगा तो इस में वज़ीर फाइनेंस उनम राम नारायण का नाम सर-ए-फ़हरिस्त है। बताया जाता है कि हाईकमान ने राइलसीमा से चीफ़ मिनिस्टर बनाए जाने के इमकानात को मुस्तर्द कर दिया है।