चीफ़ मिनिस्टर की दिल्ली तलबी पर सियासी हलक़ों में मुख़्तलिफ़ क़ियास आराईयां

आंध्र प्रदेश की तक़सीम के ज़रीये अलाहिदा तेलंगाना के क़ियाम की खुले आम मुख़ालिफ़त करते हुए कांग्रेस हाईकमान की आँख का कांटा बन जाने वाले चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी को किया 8 नवंबर को नई दिल्ली में मुनाक़िद शुदणी कांग्रेस राबिता कमेटी कि मीटिंग के मौके पर सबकदोश किया जाएगा?।

ये एक एसा अहम सवाल है जो आंध्र प्रदेश के सियासी हलक़ों में आए दिन तेज़ी से गशत कररहा है। एक एसे वक़्त जब चीफ़ मिनिस्टर को कांग्रेस हाईकमान की तरफ़ से क़ौमी दारुल हुकूमत तलब किया गया है और कांग्रेस राबिता कमेटी कि मीटिंग के मौके पर दिल्ली में मौजूद रहने की हिदायत की गई है।

इन क़ियास आराईयों में बेचेनी होगई है। हाईकमान की तलबी के मुताबिक़ किरण कुमार रेड्डी जुमा की सुबह नई दिल्ली रवाना होंगे और कांग्रेस राबिता कमेटी कि मीटिंग के वक़्त वहां मौजूद रहेंगे।

यहां ये बात काबिल ज़िक्र है के रियासत की तक़सीम के ज़रीये अलाहिदा तेलंगाना के क़ियाम से मुताल्लिक़ कांग्रेस वर्किंग कमेटी के फ़ैसले पर चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने हाईकमान के ख़िलाफ़ खुले आम बग़ावत बुलंद कररखा है।

अगरचे कांग्रेस की मर्कज़ी क़ियादत चीफ़ मिनिस्टर की इन बाग़ियाना तीव्र पर सब्र-ओ-तहम्मूल का मुज़ाहिरा करती रही है लेकिन किरण कुमार रेड्डी रियासत की तक़सीम के फ़ैसले पर अपने ग़ुस्से का इज़हार करने के लिए सरकारी, ग़ैर सरकारी तक़ारीब के अलावा हर मौके का भरपूर इस्तेमाल कररहे हैं। चीफ़ मिनिस्टर को अपने इस रवैय्ये के सबब अपनी ही पार्टी के क़ाइदीन बल्कि ख़ुद का बीनी रफ़क़ा की ब्रहमी-ओ-नाराज़गी का सामना करना पड़ रहा है। चीफ़ मिनिस्टर ने जब कभी तेलंगाना के मसले पर कांग्रेस क़ियादत पर तन्क़ीद की, उनकी बरतरफ़ी के मुतालिबात में इज़ाफ़ा होता गया।

सीमांध्र काज़ के चैंपियन की हैसियत से उभरने चीफ़ मिनिस्टर के इस रवैये के बावजूद कांग्रेस हाईकमान हमेशा ये तवक़्क़ो करती रही कि किरण कुमार रेड्डी बहुत जल्द सीधे रास्ते पर आजाऐंगे और पार्टी क़ियादत के फ़ैसले का एहतेराम करेंगे।

लेकिन इन तवक़्क़ुआत के बरख़िलाफ़ चीफ़ मिनिस्टर ने सदर जमहूरीया, वज़ीर-ए-आज़म के नाम मुक्तुबात रवाना किए और ये इल्ज़ाम लाग‌या कि क़ियाम तेलंगाना का अमल इंतेहाई जल्दबाज़ी में ग़ैर जमहूरी और ग़ैर दस्तूरी अंदाज़ में शुरू किया गया।

इन का ये अमल हाईकमान को सख़्त नागवार गुज़रा है। मोतबर ज़राए के मुताबिक़ कांग्रेस हाईकमान ने तेलंगाना के क़ियाम पर पेशरफ़त करलिया है और इस रास्ते में आने वाले हर कांटे को निकाल देने का फ़ैसला करलिया है।

चुनांचे चीफ़ मिनिस्टर के ओहदे पर किरण कुमार रेड्डी की बरक़रारी के सवाल पर कांग्रेस राबिता कमेटी कि मीटिंग में तफ़सीली ग़ौर-ओ-बेहस मुतवक़्क़े है।

मर्कज़ी क़ाइदीन लम्हा आख़िर में भी ये कोशिश करेंगे कि चीफ़ मिनिस्टर हाईकमान के फ़ैसले के पाबंद होजाएं, लेकिन एसा होता नज़र नहीं आता।

इस तरह अलाहिदा तेलंगाना के क़ियाम के अमल को किसी रुकावट के बगै़र जारी रखने के लिए इस के सिवाए और कोई रास्ता नहीं है कि किरण कुमार रेड्डी से ये कह दिया जाये कि वो बावक़ार अंदाज़ में चीफ़ मिनिस्टर के ओहदे से सबकदोश हो जाएं और ये बात नामुमकिन भी नज़र नहीं आती क्यूंकि ख़ुद किरण कुमार रेड्डी भी सीमांध्र के अवाम की निगाहों में सियासी शहीद की हैसियत से उभरना चाहते हैं। आसार-ओ-क़राईन से महसूस होता है के चीफ़ मिनिस्टर को दरवाजे का रास्ता दिखाई देना ही मर्कज़ी क़ाइदीन के लिए आख़िरी चारा बाक़ी रह गया है।