चीफ़ मिनिस्टर शीला दिक्षित‌ ने अदालत के फ़ैसला का खैरमक़दम किया

दिल्ली चीफ़ मिनिस्टर शीला दिक्षित‌ ने 16 दिसम्बर इजतिमाई इस्मत रेज़ि केस में चारों मुल्ज़िमीन को अदालत की जानिब से सज़ाए मौत दिए जाने के फ़ैसले का खैरमक़दम करते हुए कहा कि इस फ़ैसला से इस्मत रेज़ि के वाक़ियात में कमी ज़रूर वाके होगी क्योंकि जब तक सख़्त सज़ाएं ना दी जाएं तब तक मुजरिमाना ज़हनियत के लोगों को राहे रास्त पर नहीं लाया जा सकता।

उन्होंने कहा कि तेज़गाम अदालत ने बिलकुल अपने नाम की तरह तेज़ी से फ़ैसला सुनाते हुए मुजरिमाना ज़हनियत के हामिल लोगों को खौफ़ज़दा कर दिया है। दूसरी तरफ़ इस्मत रेज़ि की शिकार लड़की के आबाई मौज़ा में लोगों ने मोमबत्तियां जलाकर एक ख़ुसूसी दुआइया इजतिमा मुनज़्ज़म किया और अदालत के फ़ैसला पर मिठाई तक़सीम की।

मौज़ा मीदावर कलां उस वक़्त मशहूर होगया था जब अख़बारात और टी वी चैनल्स‌ ने इस्मत रेज़ि का शिकार लड़की का ताल्लुक़ इस मौज़ा से होने का उजागर‌ किया था।