पटना : चुनाव चिह्न मामले में बाजी आखिरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू के हाथ लगी. चुनाव आयोग ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का चुनाव चिह्न ‘तीर’ नीतीश कुमार के गुट को देने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि नीतीश के पास विधायकों का अच्छा समर्थन है. इसी के साथ चुनाव आयोग ने छोटू भाई अमरसंग वसावा की अपने ग्रुप को असली जेडीयू बताने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है. शरद यादव खेमे ने गुजरात से विधायक छोटू भाई वसावा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. वहीं अब चुनाव आयोग ने आज इस पर अपना फ़ैसला दिया हैं कि तीर का चुनाव चिन्ह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले ग्रूप के पास रहेगा. चुनाव आयोग के इस फैसले से शरद यादव खेमे को निराशा हाथ लगी है.
आपको बता दें कि नीतीश कुमार खेमा और शरद यादव खेमा दोनों ने चुनाव आयोग में एक बार फिर से अर्जी दायर की थी और तीर निशान के ऊपर अपना दावा ठोका था. इसको लेकर सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय में दोनों गुटों के नेताओं और वकीलों ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी अपनी दलील रखी, मगर चुनाव आयोग ने कोई फैसला नहीं लिया था.
शरद यादव के बागी तेवर अपनाने के बाद जेडीयू ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलकर शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की है जिस पर फैसला आना अभी बाकी है.