लखनऊ : उत्तर प्रदेश में चुनावों के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है| उत्तर प्रदेश सरकार से पिछले तीन महीने में किए गए आईपीएस से लेकर दरोगा तक के ट्रांसफर की जानकारी चुनाव आयोग ने मांगी है |
ऐसी संभावना है कि चुनाव आयोग अखिलेश सरकार के करीबी रहे कई अफसरों को चुनावी प्रक्रिया से दूर कर सकता है| वैसे 2012 के विधानसभा चुनाव हों या 2009 के, चुनाव आयोग का डंडा सत्ताधारी दल के करीबी अफसरों पर खूब चलता रहा है| आयोग के एक फरमान पर मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक बदले जा चुके हैं|
मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश का कहना है कि आयोग अपने स्तर से सारे मामले पर नजर रख रहा है| आयोग की मंशा निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने की है और इसके लिए हर जरूरी कदम उठए जाएंगे|
वैसे यूपी में पहले ही केंद्रीय निर्वाचन उप आयुक्त विजय देव दौरा कर चुनावी तैयारी की समीक्षा कर चुके है| . सूत्रों के मुताबिक़ उनके इस दौरे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गुडबुक में शामिल कई अफसरों की भी खुफिया पड़ताल की गई| कई दिनों से चुनाव आयोग के सर्विलांस पर मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह से लेकर कई जिलों के डीएम और पुलिस कप्तान हैं|
वाराणसी में हुई समीक्षा बैठक के दौरान आयोग के एक अफसर ने कहा भी था कि प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर आयोग की गहरी नजरें हैं| उन अधिकारियों का तबादला कर सकता है जो अपने कर्त्तव्य को निभाने में सफल नहीं होगा|
2012 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी आयोग ने सत्ताधारी दल बसपा से नजदीकी रखने वाले कई अफसरों को हटाया था| इनमें तत्कालीन डीजीपी बृजलाल और प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेह बहादुर को हटा दिया गया था| यही नहीं कई जिलों के डीएम, मंडलायुक्त, आईजी, डीआईजी और पुलिस कप्तान आयोग ने हटाए गए थे|
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है| यूपी में सात चरणों में वोटिंग होगी | यूपी में पहले चरण का मतदान 11 फरवरी, दूसरे चरण का मतदान 15 फरवरी, तीसरे चरण का मतदान 19 फरवरी, चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी, पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी, छठे चरण का मतदान 4 मार्च और सातवें चरण का मतदान 8 मार्च को होगा | 11 मार्च को सभी पांच राज्यों में वोटों की गिनती होगी|