चुनाव आयोग को मिले और अधिक ताक़त -एस वाई क़ुरैशी

नई दिल्ली, माहेरा इमाम। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में शनिवार को लॉ फैकल्टी के द्वारा “इलेक्टोरल रिफ़ार्मस” के विषय पर अधारित राष्ट्रीय एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन जमिया के इंजीनयरिंग ऑडिटोरीयम में किया गया।

मौजूदा चुनाव सुधार और चुनाव आयोग की बेहतर भूमिका पर चर्चा के उद्देश्य से आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में पूर्व प्रमख चुनाव आयुक्त एस वाइ क़ुरैशी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सुप्रीम कोर्ट बार कौन्सेलर के सेक्रेटरी गौरव भाटिया एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोज कुमार सिन्हा के साथ जमिया लॉ फैकल्टी की डीन प्रोफेसर नुज़हत खान भी मौजूद थी।

वर्तमान की चुनाव प्रक्रिया और इसमें कूछ बदलाव के लिए सभी वक्ताओं ने अपना समर्थन दिया। साथ ही उन सभी मेहमानों ने सेमिनार के विषय के अनूरूप इलेक्टोरल रिफार्म के स्वरूप और चुनौती के बारे में बात कही।

समीनार में मुख्य अतिथि की हैसियत से मौजूद एस वाई क़ुरैशी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इलेक्टोरल रिफार्म कोई नयी बात नहीं है। यह विषय काफी समय से केंद्र सरकार के पास लम्बित है ,परन्तु अभी तक इस पर पिछली तमाम सरकारों ने कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जिसके कारण अब तक कोई बात नहीं बन पायी ।

एस वाई क़ुरैशी ने इलेक्टोरल रिफार्मस की तीन मुख्य बिंदुओ पर ज़ोर देते हुए कहा कि पोलिटिकल फंडिंग , चुनाव आयुक्ति की केंद्र सरकार द्वारा नियक्ति नियुक्ति और बाहुबलियों एवं अपराधियों को राजनीति में आने से रोकना यह तीन विषय ऐसे हैं जिस पर तत्काल काम किया जाना चाहिए।

उनके अनुसार भले भारत दुनिया का ऐसा देश है जहा पर मतदान का अधिकार आज़ादी के समय से ही नागरिको को मिल गया परन्तु आज भी राजनितिक दल कई ऐसे तरीको का इस्तेमाल करते हैं जिनसे वो मतदाताओं को गुमराह कर सकें। एस वाई कुरेशी ने प्रधानतमंत्री मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा की वर्तमान सरकार इस विषय पर दिलचस्पी ले रही है। चुनाव आयोग के लिए यह एक अच्छा संकेत है।

सेमिनार में मैजूद सुप्रीम कोर्ट बार कौन्सेलर के सेक्रेटरी गौरव भाटिया ने इलेक्टोरल रिफर्म पर बात करते हुए कहा कि आज चुनाव के लिए इस प्रकार का रिफार्म करना बेहद ज़रूरी है जिससे राजनीतिक पार्टियाँ चुनाव के समय मतदाताओं को प्रभावित ना करते हुए मुद्दों की बात करें और चुनाव जीते ।

पेशे से वक़ील गौरव भाटिया ने राजनैतिक पार्टियों को नैतिकता याद कराते हुए कहा की राजनैतिक पार्टियों को सवयं की नीति में झांकने की ज़रूरत है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की चुनाव आयोग के पास इतनी ताक़त होनी चाहिए जिससे नेताओ कि ज़बान पर क़ाबू किया जा सके।

उन्होंने विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा की इलेक्शन कमीशन बिलकुल निष्पक्षता के साथ काम करती है और यही वजह है की चुनाव आयोग की विश्वशनियता बनी हुई है। सेमिनार के अंत में लॉ फैकल्टी के प्रोफेसर असद मलिक ने मंच पर मौजूद मूख्य अतिथि एस वाई क़ुरैशी और सभी महमनो का जमिया में आने और विषय पर बोलने के लिए दिल से धन्यवाद दिया।