नई दिल्ली: मुख्यमंत्री दिल्ली अरविंद केजरीवाल ने फिर एक बार चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह ही रिश्वत को बढ़ावा दे रहे है और उन्हें बता रहा है कि वह जनता से अपील न करें कि दूसरे सहयोगी दलों से पैसा लेकर आम आदमी पार्टी को वोट दें। मुख्यमंत्री दिल्ली ने ट्विटर पर अपने बयान में कहा कि चुनाव आयोग ही उनके भ्रष्टाचार को रोकने में विफल है, इसके अलावा चुनाव आयोग ही उन्हें ऐसा कहने की राह नए मापदंड खड़े है कि उनसे पैसे लेकर हमें वोट दीजिए।
चुनाव आयोग के बादी दृष्टया यह सन्देश है कि वोट उन्हें दो कि आप पैसे देते हैं। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी नेता आशुतोष के ट्विट का जवाब दे रहे थे जिन्होंने कथित तौर पर गोवा के एक क्षेत्र में मतदाताओं में पैसे बांटे जाने का उल्लेख किया था। केजरीवाल ने यह भी ट्वीट किया कि आम आदमी पार्टी वालैंटियर्स का कहना है कि हमें किसी के आगे झुकने की ज़रूरत नहीं है जब हम सही हो। जब अदालत ने अरविंद केजरीवाल के बयान को सही ठहराया है तो आखिर चुनाव आयोग इसके खिलाफ क्यों है? एक मौके पर अरविंद केजरीवाल के रिमार्क के संबंध में पूछा गया तो चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने केजरीवाल के ताजा टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि संबंधित लोगों को ही इस तरह के बयानों की समीक्षा करनी चाहिए।
प्रत्येक कानून और नियमों और शर्तों को बाध्य होना होता है। लोकतंत्र में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अंधाधुंध तरीके से बोलते हैं, लेकिन उन्हें कोई रोक नहीं सकता। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि हम सार्वजनिक संस्था से जुड़े हैं तो इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। नसीम जैदी को रवाना किये गए पत्र में केजरीवाल ने कल चुनाव पियानल से कहा था कि उनके ज्ञापन रिश्वतखोरी से संबंधित लगाए गए आरोपों के संदर्भ में हैं और वह उन्हें अपनी टिप्पणियों को दोहराया करने की अनुमति चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी टिप्पणी का गलत मतलब निकाला है। उन्होंने चुनाव आयोग से यह भी कहा था कि चुनाव में रिश्वत सताना और भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए उन्हें ब्रांड अम्बसीडर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ चुनाव आयोग का हुकुमनामह भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित करेगा इलैकशन आयोग ने शनिवार को केजरीवाल की निंदा की थी।